Mumbai News: स्थानीय निकाय चुनाव का महामुकाबला, भाजपा के सामने पुराना परिणाम दोहराने की चुनौती

स्थानीय निकाय चुनाव का महामुकाबला, भाजपा के सामने पुराना परिणाम दोहराने की चुनौती
  • कांग्रेस को प्रदर्शन बरकरार रखने करना पड़ेगा संघर्ष
  • पिछले नप और नपं चुनाव में भाजपा बनी थी सबसे बड़ी पार्टी, दूसरे स्थान पर थी कांग्रेस
  • शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) को साबित करना होगा अस्तित्व

Mumbai News. प्रदेश के 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव की घोषणा हो गई है। इससे अब 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनाव के लिए 2 दिसंबर को मतदान होगा। इस चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा के सामने पिछले बार हुए नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव परिणाम को दोहराने की चुनौती होगी। पिछले नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव में भाजपा सबसे अधिक सीटें जीतने के बाद पहले स्थान की पार्टी बनी थी। जबकि कांग्रेस दूसरे स्थान पर थी। इसलिए इस चुनाव में कांग्रेस के सामने भी पुराने प्रदर्शन को बरकरार रखने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। क्योंकि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में दमदार जीत के बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का जनाधार खिसक गया था। शिवसेना और राकांपा दोनों धड़ों में टूट के बाद पहली बार राज्य में स्थानीय निकाय के चुनाव हो रहे हैं। इसलिए इस चुनाव में शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) को नए सिरे से अस्तित्व साबित करना होगा। वहीं शिवसेना (उद्धव) और राकांपा (शरद) को भी कड़ी मशक्कत करनी होगी। प्रदेश में पिछली बार जनवरी 2014 से दिसंबर 2018 के बीच 362 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव हुए थे। जिसमें नगर परिषदों और नगर पंचायतों का कार्यकाल मई 2020 से जनवरी 2024 के बीच खत्म हो चुका था। लेकिन कोरोना महामारी और सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण का मामला प्रलंबित होने के कारण निर्धारित समय पर चुनाव नहीं हो सका था पर अब सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को 31 जनवरी तक सभी प्रलंबित स्थानीय निकायों के चुनाव कराने का आदेश दिया है। इसके तहत पहले चरण में नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव की तारीख घोषित की गई है। जबकि दूसरे चरण में जिला परिषदों व पंचायत समितियों और तीसरे चरण में मुंबई समेत 29 महानगर पालिकाओं के चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।

छह प्रमुख दलों में मुकाबला

प्रदेश के स्थानीय निकायों के चुनाव में मुख्य छह पार्टियां मैदान में होंगी। जिसमें सत्तारूढ़ महायुति के घटक दल भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) का समावेश है। जबकि विपक्ष के गठबंधन महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव) और राकांपा (शरद) शामिल हैं। वहीं मनसे भी इस चुनाव में दमखम के साथ उतरने की तैयारी में है। स्थानीय निकाय चुनाव में महायुति और महाविकास आघाड़ी के घटक दल एक साथ में लड़ेंगे या फिर अलग-अलग? यह अभी दोनों ओर से स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि महायुति के वरिष्ठ नेता एक साथ चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। मगर, भाजपा अधिकांश जगहों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वहीं महाविकास आघाड़ी के घटक दल शिवसेना (उद्धव) के पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे इस चुनाव में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। इस कारण शिवसेना (उद्धव) की सहयोगी कांग्रेस राज ठाकरे की पार्टी मनसे को लेकर पशोपेश में है। इस कारण माना जा रहा है कि कांग्रेस अधिकांश स्थानीय निकायों में अकेले चुनाव में लड़ेगी।

भाजपा को 22 और कांग्रेस को 19 प्रतिशत मिले थे वोट

पिछले बार हुए नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा 22.14 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस ने 19.45 प्रतिशत मत हासिल किए थे। राकांपा (अविभाजित) को 15.78 प्रतिशत और शिवसेना (अविभाजित) को 13.38 प्रतिशत वोट मिले थे। पिछले बार हुए नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना (अविभाजित) और विपक्ष गठजोड़ कांग्रेस और राकांपा (अविभाजित) अधिकांश जगहों पर साथ में चुनाव लड़ा था।

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पिछले चुनाव के नतीजे स्थिति

दल जीते सदस्यों की संख्या

भाजपा - 1944

कांग्रेस - 1577

राकांपा (अविभाजित) - 1294

शिवसेना (अविभाजित) - 1035

निर्दलीय - 852

मनसे - 20

बसपा - 32

सीपीआई (एम) - 20

पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त दल - 581

दूसरे राज्यों में पंजीकृत दल- 89

गठबंधन और फ्रंट - 49

कुल सीटें - 7493

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ठाणे और पालघर में दोनों शिवसेना के बीच भिड़ंत

पिछले नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव में ठाणे और पालघर में शिवसेना (अविभाजित) का वर्चस्व था। लेकिन पार्टी में हुई टूट के बाद इस चुनाव में शिवसेना (उद्धव) और शिवसेना (शिंदे) के बीच सीधे भिड़ंत होगी। अप्रैल 2014 में हुए अंबरनाथ नगर परिषद चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) को 57 में से 25 सीटें मिली थी। भाजपा को 10 सीटें, कांग्रेस को 8 सीटें, राकांपा (अविभाजित) को 5 सीटें मिली थी। बाकी सीटें अन्य दलों ने हासिल की थी। जबकि कुलगांव-बदलापुर नगर परिषद की 47 सीटों में से शिवसेना (अविभाजित) को 24 और भाजपा को 20 सीटें मिली थीं। राकांपा (अविभाजित) ने 2 और निर्दलीय ने 1 सीट पर कब्जा जमाया था। वहीं पालघर नगर परिषद की 28 सीटों में से शिवसेना (अविभाजित) ने 17 सीटें, राकांपा (अविभाजित) ने 10 सीटें और कांग्रेस ने 1 सीट मिली थी। वहीं डहाणु नगर परिषद की 25 सीटों में से भाजपा को सबसे ज्यादा 15 सीटें मिली थीं। जव्हार नगर परिषद की 17 सीटों में से शिवसेना (अविभाजित) को सबसे ज्यादा 9 सीटें और वाडा नगर पंचायत की 17 सीटों में से भाजपा को 6 सीटें और शिवसेना (अविभाजित) को 9 सीटें मिली थीं।

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Created On :   5 Nov 2025 8:28 PM IST

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