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विभागों के बंटवारे में अजित पवार ने मारी बाजी, वित्त विभाग ले कर ही माने
- आखिरकार शिंदे-फडणवीस-अजित पवार सरकार में हुआ विभागों का बंटवारा
- भाजपा के छह, जबकि शिंदे गुट के तीन विभाग मिले अजित गुट को
- लगभग 9 साल बाद शिंदे से दूर हुआ एमएसआरडीसी विभाग
डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य में पिछले कई दिनों से मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर सियासी घमासान के बीच आखिरकार शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विभागों का बंटवारा कर दिया। सभी की नजरें अजित पवार पर टिकी हुई थीं, जिन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी मिली है। इसके अलावा सहकारिता और कृषि विभाग भी अजित गुट के खाते में गया है। अजित गुट को भाजपा गुट से छह और शिंदे गुट से तीन विभाग मिले हैं। इसके अलावा कुछ मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव किया गया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विभाग मिलते ही शुक्रवार को वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाल ली और अधिकारियों के साथ मंत्रालय में बैठक की।
शिंदे गुट और भाजपा के हाथ से निकले विभाग
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य मंत्रिमंडल के नवनियुक्त मंत्रियों के विभागों के आवंटन की सूची पर मुहर लगाई, जिसे मंजूरी के लिए राज्यपाल रमेश बैस के पास भेजा गया। शिंदे गुट के तीन विभाग जो अजित गुट को मिले हैं उनमें कृषि, खाद्य एवं औषधि प्रशासन और राहत एवं पुनर्वास विभाग शामिल हैं। वहीं, भाजपा को वित्त विभाग के अलावा सहकार, चिकित्सीय शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, खेल एवं महिला बाल विकास कल्याण विभाग छोड़ने पड़े हैं।
वित्त और सहकारिता विभाग को लेकर अड़ गए थे अजित पवार
उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक वित्त और सहकारिता विभाग को लेने को लेकर अड़े हुए थे। आखिर में अजित पवार को इन दोनों विभागों के अलावा दूसरे पांच बड़े विभाग भी मिल गए, जिनमें कृषि, राहत एवं पुनर्वास, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और महिला और बाल विकास विभाग शामिल हैं। दरअसल, अजित सहकारिता विभाग को लेकर इसलिए भी आक्रामक थे, क्योंकि दर्जन भर से ज्यादा सहकारी या निजी चीनी कारखाने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के ही हैं। इसके अलावा उनका सहकारी बैंकों पर भी इस विभाग के जरिए नियंत्रण रहेगा।
शिंदे के मंत्रियों के कतरे गए पर
सीएम शिंदे के मंत्री अब्दुल सत्तार से कृषि विभाग लेकर उसे अजित गुट के मंत्री धनंजय मुंडे को दे दिया है। सत्तार को इसके बदले में अल्पसंख्यक एवं विपणन विभाग मिला है, जबकि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे संजय राठौड़ के विभाग को छीनकर उसे अजित गुट के ही मंत्री धर्मराव आत्राम को दे दिया गया है। राठौड़ को बदले में मृदा एवं जल सरंक्षण विभाग मिला है। भाजपा के गिरीश महाजन से चिकित्सीय शिक्षा विभाग लेकर यह जिम्मेदारी हसन मुश्रीफ को दी गई है। अतुल सावे से सहकारिता विभाग लेकर उसे अजित गुट के दिलीप वलसे पाटील को दिया गया है। इसके बदले में अतुल सावे को ग्रह निर्माण और ओबीसी विभाग मिला है। मंत्रिमंडल में एक मात्र महिला आदिति तटकरे को महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
लगभग 9 साल बाद शिंदे से दूर हुआ एमएसआरडीसी विभाग
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जब साल 2014 में फडणवीस सरकार में मंत्री बने थे, तो उन्हें एमएसआरडीसी विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। फडणवीस सरकार में शिंदे पूरे पांच साल इस विभाग के मंत्री रहे थे। राज्य में जब महाविकास आघाडी की सरकार आई, तब भी उन्हें एमएसआरडीसी विभाग की जिम्मेदारी मिली। मौजूदा सरकार में भी यह विभाग शिंदे के ही पास था। लेकिन अब यह विभाग उनके भरोसे के मंत्री दादाजी भुसे को मिला है।
अजित गुट के मंत्रियों को मिले ये विभाग
अजित पवार- वित्त विभाग और नियोजन
छगन भुजबल- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति
दिलीप वलसे पाटील- सहकारिता
हसन मुश्रीफ - चिकित्सीय शिक्षा
धर्मराव आत्राम- खाद्य एवं औषधि प्रशासन
आदिति तटकरे- महिला एवं बाल विकास
संजय बनसोडे- खेल एवं युवक कल्याण, बंदरगाह
अनिल पाटील- मदद एवं पुनर्वसन, आपदा व्यवस्थापन
धनंजय मुंडे- कृषि
Created On :   14 July 2023 9:44 PM IST