प्याज की कम कीमत से नाराज किसानों ने रोकी नीलामी

प्याज की कम कीमत से नाराज किसानों ने रोकी नीलामी
नहीं मिल रही सरकार द्वारा घोषित कीमत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नाशिक के लासलगांव, पिंपलगांव और चंदवाड़सहित अन्य सहकारीकृषि मंडियों में प्याज की कम कीमत मिलने से नाराज किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। इस कारण गुरुवार को कृषि मंडियों में कई घटों के लिए प्याज की नीलामी रूक गई। सुबह के समय कृषि उपज बाजार समिति (कृषि मंडी) में नीलामी शुरू हुई थी लेकिन प्याज की कीमत कम मिलने से नाराज किसानों ने नीलामी रोक दी। हालांकि दोपहर के बाद अधिकांश कृषि मंडियों में प्याज की नीलामी शुरू हो गई थी।

सुबह के समय प्याज का कम दाम मिलने से नाराज लगभग 500 किसानों ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लागू करने के खिलाफ मुंबई-आगरा महामार्ग पर चक्का जाम आंदोलन किया। आंदोलन कर रहेकुछ किसानों के आंखों में आंसू नजर आए। केंद्र सरकार ने नाफेड और एनसीसीएफ के जरिए प्रति क्विंटल 2410 रुपए के दर पर प्याज खरीदने की घोषणा की है। लेकिन सहकारी कृषि मंडियों में 1200 रुपए से लेकर 2000 हजार रुपए तक प्याज की कीमत मिल रही थी। इससे किसानों ने नाराजगी जताते हुए प्याज की नीलामी रोक दिया था।

किसानों का कहना था कि नाफेड का खरीद केंद्र भी कृषि मंडियों के परिसर में शुरू होना चाहिए। इससे किसानों को प्याज बेचने में आसानी होगी। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि नाशिक के लासलगांव कृषि मंडी में प्याज की न्यूनतम कीमत प्रति क्विंटल 600 रुपए और अधिकतम कीतम 2500 रुपए दिया गया है। जबकि चंदवाड़ कृषि मंडी में किसानों को प्रति क्विंटल प्याज के लिए 1700 से 1800 रुपए दिए गए हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए 19 अगस्त को प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लागू करने का फैसला लिया था। लेकिन किसानों और विपक्ष के भारी विरोध के बाद केंद्र सरकार ने राज्य में नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से 2 लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने का फैसला लिया है। यह पहला मौका है जब प्याज पर निर्यात शुल्क लगाया गया है। इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया। भारतीय प्याज के शीर्ष तीन आयातक देशों में बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

प्याज किसान भी गिरा सकते हैं सरकारः कडू : इस बीच प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख तथा विधायक बच्चू कडू ने कहा कि प्याज खानों वालों ने दिल्ली की सरकार को गिरा दिया था। लेकिन आने वाले समय में प्याज उत्पादन करने वाले किसान भी सरकार गिरा सकते हैं। केंद्र सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

नाफेड से खरीद केंद्र को बढ़ाने की मांग की : अभी तक नाफेड ने 500 मीट्रिक टन प्याज खरीदा है। किसानों के पास उपलब्ध प्याज को देखते हुए नाफेड के खरीद केंद्रों को बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार से की गई है। इसके लिए मैंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयुष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री

Created On :   24 Aug 2023 7:52 PM IST

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