भगत सिंह कोश्यारी पर चलाया जाए देशद्रोह का मुकदमा

भगत सिंह कोश्यारी पर चलाया जाए देशद्रोह का मुकदमा
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट ने कोश्यारी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई. महाराष्ट्र के सत्ता संग्राम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका टिप्पणी के बाद से शिवसेना (उद्धव ठाकरे) कोश्यारी पर विफरी हुई है। पार्टी ने कोश्यारी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की है। शिवसेना के मुखपत्र में शनिवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होते ही ऐसे आपराधिक प्रवृति के कोश्यारी पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

पार्टी ने कहा है कि संविधान की रक्षा करने का काम जिस व्यक्ति को सौंपा गया था, वही चोर निकला। ऐसे ‘चोर और लफंगे’ भाजपा की सत्ता की कुंजी हैं। वही उनकी ताकत हैं। विचार, देशभक्ति, नैतिकता आदि सब उनकी नजर में झूठ है, लेकिन सरकार को अवैध ठहराने के बाद भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हंस रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को पूरी तरह से अवैध, असंवैधानिक करार दिया। यह संवैधानिक पीठ का फैसला है। फिर भी राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री विजयी मुस्कान के साथ पत्रकारों के सामने आए और कहा, ‘हम ही जीते हैं।’ इस तरह से हंसते-हंसते कहना इसे बेशर्मी कहते हैं। नैतिकता तो उन्होंने ठाणे के मासुंदा तालाब में डुबा ही दी, लेकिन बची-खुची शर्म भी नागपुर के अंबाझरी तालाब के किनारे नंगी होकर नाचती दिखाई दे रही है।

उद्धव के इस्तीफे को ठहराया सही

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देते तो हम उन्हें राहत दे सकते थे। इसके बाद से उद्धव की इस गलती की चर्चा गरम है। शिवसेना की संपादकीय में उद्धव के इस्तीफे को सही ठहराया गया है। संपादकीय में कहा गया है कि यदि सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि राज्यपाल का बहुमत सिद्ध करने के लिए शिंदे-फडणवीस को बुलाना गैरकानूनी था तो उस गैरकानूनी बहुमत परीक्षण के सामने जाकर उद्धव ठाकरे असंवैधानिक कृत्य क्यों करें? भारतीय जनता पार्टी ने किस लायक व्यक्ति को राज्यपाल पद के लिए नियुक्त किया था, यह सब इस मामले में नजर आ गया। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होते ही ऐसे आपराधिक प्रवृति के राज्यपाल पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

पर्दे के पीछे क्या कर रहें विस अध्यक्ष

पार्टी ने कहा कि शिंदे गुट का व्हिप ही अदालत ने झूठा ठहरा दिया। उस झूठे ‘व्हिप’ के आदेश का पालन करके विधायकों ने पक्षद्रोह किया, यह न्यायालय ने साबित कर दिया। कोर्ट ने विधायकों को दोषी माना, लेकिन सूली पर चढ़ाने का काम विधानसभा अध्यक्ष का है। न्यायाधीश निर्मम अपराधियों को फांसी की सजा सुनाते हैं लेकिन उसे प्रत्यक्ष रूप से फांसी देने का काम स्वतंत्र मशीनरी करती है। सर्वोच्च न्यायालय ने यही किया है, लेकिन महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष कहां हैं? वे पर्दे के पीछे क्या हलचलें कर रहे हैं? न्यायालय द्वारा अपराधी ठहराए गए विधायकों पर वे कानूनी कार्रवाई करेंगे या संवैधानिक पद पर बैठे ये व्यक्ति फिर राजनीतिक स्वार्थ के लिए दोषी विधायकों का बचाव करेंगे? महाराष्ट्र की मिट्टी को कलंक लगाएंगे या मिट्टी का तेज दिखाएंगे?

Created On :   14 May 2023 4:39 PM IST

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