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बांबे हाईकोर्ट से कैबिनेट मंत्री हसन मुश्रीफ को ईडी की गिरफ्तारी से 25 जुलाई तक संरक्षण
- कैबिनेट मंत्री हसन मुश्रीफ से जुड़ा मामला
- मुश्रीफ को ईडी की गिरफ्तारी से 25 जुलाई तक संरक्षण
- अग्रिम जमानत पर 25 जुलाई को सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीबी) के अजित गुट के नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री हसन मुश्रीफ को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी से संरक्षण जारी रखा। उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 25 जुलाई तक टाल गयी है।
न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकलपीठ के समक्ष मंगलवार को मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई के लिए आई। खंडपीठ ने उन्हें ईडी की गिरफ्तारी से संरक्षण 25 जुलाई तर जारी रखा है। अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के सदस्य मुश्रीफ ने 2 जुलाई को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी।
पिछले दिनों विशेष पीएमएलए अदालत ने मुश्रीफ की जमानत अर्जी खारिज दी थी। इस दौैरान ईडी ने मश्रीफ की अग्रिम जमानत के कड़ा विरोध किया था।
विशेष अदालत ने मुश्रीफ की अग्रिम जमानत याचिका करते हुए कहा था कि जांच एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वित्तीय गड़बड़ी के प्रथम दृष्टया सबूत हैं। जांच अधिकारियों के लिए जांच के दौरान हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा. साथ ही किसानों के पैसे को दो कंपनियों में भेज दिया गया, जिसमें मुश्रीफ के बेटे शेयरधारक थे। मुश्रीफ ने कोल्हापुर में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में एक और याचिका दायर किया है, जिस पर 6 जुलाई को सुनवाई हुई थी। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक के लिए टाल दी है। मुश्रीफ पर कोल्हापुर एफआईआर को रद्द करने की मांग की है, उसी के आधार पर ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
ईडी ने मुश्रीफ के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। ईडी का आरोप है कि सर सेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्टरी समेत एक अन्य कंपनी के माध्यम से करोड़ों रुपए का संदिग्ध कारोबार हुआ, जिसमें मुश्रीफ के बेटे नवी, आबिद और साजिद निदेशक या शेयरधारक थे. ईडी मुश्रीफ और उनके तीन बेटों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जांच कर रही है।
Created On :   11 July 2023 9:14 PM IST