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छोटा राजन को बॉम्बे हाईकोर्ट से लगा झटका, स्कूप वेब सीरीज पर रोक से इनकार
- राजन को ओटीटी-सीरीज में अपनी तस्वीर और आवाज के इस्तेमाल पर आपत्ति
- बॉम्बे हाईकोर्ट से लगा झटका
- स्कूप वेब सीरीज पर रोक नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र सदाशिव निकल्जे उर्फ छोटा राजन को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने नेटफ्लिक्स सीरीज ‘स्कूप’ के रीलिज होने से रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने वेब सीरिज के निर्माताओं को अगली सुनवाई 7 जुलाई से पहले हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में राजन ने वेब सीरीज के निर्माता हंसल मेहता और माचिस शॉट्स एलएलपी के मालिकों को पार्टी बनाया है और उनसे एक रुपए के हर्जाना की मांग की है।
7 जून को होगी अगली सुनवाई
न्यायमूर्ति शिवकुमार डिगे की अवकाशकालीन एकल पीठ के समक्ष छोटा राजन की ओर से वेब सीरिज के निर्माताओं के खिलाफ कथित तौर पर मानहानि और उसके अधिकारों का हनन करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई हुई। राजन की ओर से वकील मिहिर देसाई ने अपनी दलील में कहा कि ओटीटी-सीरीज में राजन की तस्वीर और आवाज का इस्तेमाल किया गया है। यह उसकी मानहानि और अधिकारों का हनन है। पत्रकार ज्योतिर्मय डे हत्याकांड में छोटा राजन भले ही दोषी ठहराया गया हो, लेकिन अभी भी उसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। पीठ ने कहा कि वेब सीरीज पहले ही प्रकाशित हो चुकी है। हम अगली तारीख पर 7 जून को सुनवाई करेंगे। इससे पहले वेब सीरीज के निर्माता अपना जवाब दाखिल करें।
क्या था मामला
नेटफ्लिक्स सीरीज पत्रकार जिग्ना वोरा की कहानी पर आधारित है। वोरा पर साथी पत्रकार ज्योतिर्मय डे उर्फ जेडे की हत्या के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगा था। अनुभवी पत्रकार जेडे की 11 जुलाई 2011 को पवई में उनके आवास के पास हत्या कर दी गई थी। यह सीरीज जिग्ना वोरा की जीवनी पर आधारित पुस्तक ‘बिहाइंड द बार्स इन भायखला- माई डेज इन प्रिजन’ से प्रेरित है। वोरा को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत गठित एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया था, जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था।
जेडे ने दो किताबें -‘खल्लास-एन ए टू जेड गाइड टू द अंडरवर्ल्ड’ और ‘जीरो डायल: द डेंजरस वर्ल्ड ऑफ इन्फॉर्मर्स’ लिखी हैं। वह तीसरी किताब ‘चिंदी-रैग्स टू रिचेस’ लिखने की प्रक्रिया में थे। जेडे जो तीसरी किताब लिख रहे थे, उसमें उन्होंने राजन को ‘चिंदी’ (क्षुद्र) के रूप में चित्रित किया था, न कि ‘डॉन’ के रूप में। आरोप है कि जिग्ना वोरा ने यह बात छोटा राजन को बता दी। इससे नाराज होकर राजन ने कथित तौर पर जेडे को मारने का निर्देश दे दिया। छोटा राजन को भारत लाए जाने के बाद से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हत्या के मामले में आरोपी बनाया था।
Created On :   2 Jun 2023 9:03 PM IST