बॉम्बे हाईकोर्ट: अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना राज्य सरकार का विरोधाभास अस्वीकार्य

अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना राज्य सरकार का विरोधाभास अस्वीकार्य
  • अदालत ने अवैध निर्माणों के खिलाफ तोड़क कार्रवाई करने का दिया आदेश
  • अवैध निर्माणों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले कुछ दिनों में अवैध निर्माण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने पालघर में अवैध निर्माण को गिराने का आदेश देते हुए कहा कि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने और बिल्डरों के सुरक्षा प्रदान करने के राज्य सरकार का विरोधाभास अस्वीकार्य है। अदालत ने अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार वसई विरार महानगरपालिका के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति ए.एस.गडकरी और न्यायमूर्ति कमल खाता की पीठ ने कहा कि कानून के रखवालों की निष्क्रियता के कारण अवैध कार्य सामाजिक अशांति को भड़काते हैं और सामाजिक ताने-बाने को हिला देते हैं। हम इस बात का न्यायिक संज्ञान लेने के लिए बाध्य हैं कि सक्षम अधिकारी और महानगर पालिका के नोटिस जारी करने के बाद भी अवैध निर्माण के खिलाफ तोड़क कार्रवाई करने और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाना से बचते हैं। अधिकारियों का बिल्डरों से पैसे की वसूली करना सपना है।

पीठ ने कहा कि उसके सामने ऐसे मामले अक्सर आते रहते हैं, जिसमें कोई व्यक्ति पहले बिना अनुमति के अवैध निर्माण करता है और फिर निर्माण को नियमित करने की मांग करता है। पीठ ने वसई विरार महानगरपालिका के अधिकारियों को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने का आदेश देते हुए कहा कि इस तरह के अवैध निर्माण को नियमित नहीं किया जा सकता है। पीठ ने महानगरपालिका आयुक्त को अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का भी निर्देश दिया।

पीठ ने पालघर में अनधिकृत निर्माण को तोड़ने का अनुरोध करने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि हमारे शहर में भी अवैध निर्माणों की संख्या बराबर है। उल्लंघनकर्ताओं को अप्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा प्रदान करना अस्वीकार्य है। राज्य सरकार की निष्क्रियता स्पष्ट है। हम इसकी सराहना नहीं करते है। याचिका में दावा किया गया कि उसे इस लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, क्योंकि वसई विरार महानगरपालिका अधिकारी अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए नोटिस जारी करने के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहे।

अदालत ने रायगढ़ के उरण में अवैध निर्माण के खिलाफ चार सप्ताह में कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार तहसील, जिला और सिडको के अधिकारियों पर भी कार्रवाई का निर्देश दिया है। इससे पहले अदालत ने कहा था कि ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) आयुक्त की मौजूदगी में ठाणे के शिल गांव में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर 6 सप्ताह में रिपोर्ट अदालत में पेश करेंगे।



Created On :   22 Jun 2025 8:29 PM IST

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