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चलती ट्रेन से उतरने-चढ़ने का जोखिम लेते हैं यात्री
- रेलवे बार-बार करती है सावधान, मुसाफिर करते हैं नजरअंदाज
- मई में आरपीएफ ने बचाई 16 की जान
डिजिटल डेस्क, मुंबई । चलती ट्रेन पकड़ना-उतरना जानलेवा हो सकता है। रेलवे की ओर से सावधान किए जाने के बावजूद कई यात्री जान जोखिम में डालते हैं। मई में गांव जाने वाली लंबी दूरी की गाड़ियों में भीड़ बहुत थी। स्टेशन देरी से पहुंचने अथवा सामान चढ़ाने के दौरान कई बार यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ पाते हैं। गाड़ी रवाना होने के बाद चलती ट्रेन पकड़ने के चक्कर में कई यात्री अपनी जान आफत में डाल बैठे। मई में मध्य रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ऑपरेशन जीवन रक्षक के अंतर्गत 16 यात्रियों की जान बचाई। इनमें 3 मामले मुंबई डिवीजन में, 6 मामले भुसावल डिवीजन में 6 मामले नागपुर डिवीजन में और 1 मामला सोलापुर डिवीजन में सामने आया था। पुणे डिवीजन में एक भी मामला सामने नहीं आया था।
जलगांव में महिला की जान बचाई
14 मई को ट्रेन संख्या 17624 जलगांव स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 से शाम 18.29 बजे रवाना हुई। चलती ट्रेन से उतरने के चक्कर में एक महिला प्लेटफार्म पर गिर पड़ी। ट्रेन की चपेट में आने से पहले ही ऑन डयूटी आरक्षक देवाराम ने खींच कर उक्त महिला की जान बचा ली। गनीमत रही कि उस महिला को गंभीर चोट नहीं आई।
वडाला में लोकल से गिरा शख्स
8 मई को वडाला में तैनात महिला आरक्षक प्रमिला हरोड़े ने गुरु तेग बहादुर नगर स्टेशन (जीटीबी नगर) पर सीएसएमटी जाने वाली 18.21 बजे की लोकल पकड़ने के चक्कर में एक यात्री प्लेटफार्म-2 पर गिर पड़ा। यात्री ट्रेन और प्लेटफॉर्म के गैप में गैप में गिरने ही वाला था कि हरोड़े ने दौड़ कर उसे दूर खींच लिया। अंगुली में चोट जरूर आई, मगर यात्री की जान बच गई। महिला आरक्षक ने प्रथमोपचार के बाद उसे घर जाने दिया।
Created On :   9 Jun 2023 6:44 PM IST