डब्बा ट्रेडिंग मामले में महत्वपूर्ण आरोपी गिरफ्तार, ग्राहकों को देता था लॉगिन पासवर्ड

डब्बा ट्रेडिंग मामले में महत्वपूर्ण आरोपी गिरफ्तार, ग्राहकों को देता था लॉगिन पासवर्ड
  • ग्राहकों को देता था लॉगिन पासवर्ड
  • जानिए क्या है डब्बा ट्रेडिंग
  • डब्बा ट्रेडिंग मामले में महत्वपूर्ण आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई. क्राइम ब्रांच की यूनिट 11 ने फर्जी स्टॉक एक्सचेंज मामले में एक महत्वपूर्ण आरोपी धीमंत केतन गांधी (33 ) को गिरफ्तार किया है। इससे पहले यूनिट 11 चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, धीमंत गांधी इस पूरे डब्बा ट्रेडिंग का एक मास्टर माइंड है, जो ग्राहकों को लॉगिन आईडी और पासवर्ड मुहैय्या करता था। शेयर खरीदी और बिक्री में ब्रोकरेज कमाता था। 20 जून को क्राइम ब्रांच ने कांदिवली इलाके के महावीर नगर में छापेमारी की थी, तब से ही धीमंत फरार चल रहा था। डीसीपी राज तिलक रोशन ने बताया कि आरोपी बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। पुलिस ने उसके मोबाइल लोकेशन पर नजर रखी हुई थी, साथ ही उसके घर के पास अपने मुखबिरों को भी सतर्क कर रखा था। जैसे ही सूचना मिली, कांदिवली से उसे घर से गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल कोर्ट से एक दिन की कस्टडी मिली है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

क्या है मामला

20 जून को क्राइम ब्रांच ने कांदिवली के महावीर नगर में छापेमारी कर सुरेशभाई शाह को गिरफ्तार किया था। इसके बाद विजय तलक्षी गडा, विजय अमृतलाल राठौड़ और हितेन गोविंद मकवाना को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी पर आरोप है कि वे कांदिवली पश्चिम महावीर नगर के संकेत बिल्डिंग में बिना किसी स्टॉक एक्सचेंज की इजाजत के डब्बा ट्रेडिंग चल रहे थे।

क्या है डब्बा ट्रेडिंग

क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि धीमंत केतन गांधी ग्राहकों को लॉगिन आईडी और पासवर्ड मुहैय्या करता था। डब्बा ट्रेडिंग में ग्राहकों से 50 हजार रुपया अपने पास डिपॉजिट रखने के लिए कहा जाता था। इसके एवज में ग्राहक सोमवार से शुक्रवार तक डब्बा एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकता था। इस दौरान ग्राहकों को तीन लाख तक ट्रेडिंग करने की लिमिट दी जाती थी। ग्राहक एप्लिकेशन में जाकर कोई भी शेयर खरीद या बेच नहीं सकता था, बस वह किसी स्टॉक पर अपनी मुंह जुबानी बोली लगाकर ट्रेडिंग करता था। ग्राहक ने जिस शेयर पर अपनी बोली लगाई है यदि उसमें कोई मुनाफा है, तो ग्राहक को मिलता और घाटा होने पर आरोपी अपना ब्रोकरेज काटकर ग्राहकों को पैसा लौटाया करते थे। तीन महीने पहले शुरू हुए इस बिजनेस में 4672 करोड़ की अवैध ट्रेडिंग हुई थी, जिसमें सरकार को करीब दो करोड़ रुपए की चपत लगी थी।

Created On :   7 July 2023 6:54 PM IST

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