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विधानसभा में पहले दिन ही उठा किसानों का मुद्दा
- विपक्ष ने लगाया सरकार पर किसानों की मदद नहीं करने का आरोप
- विधानसभा में पहले दिन ही उठा किसानों का मुद्दा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार से हुई। विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने राज्य के कई हिस्सों में बारिश नहीं होने के चलते किसानों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया। जिसका जवाब देते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, यह सच है कि राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश नहीं होने के चलते किसान अपनी फसलों की बुवाई नहीं कर पाए हैं। सरकार हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़ी हुई है। उधर विधानसभा में शरद गुट के विधायकों के बैठने को लेकर स्थिति साफ़ नहीं होने की वजह से यह पता नहीं चल सका कि कितने विधायक अजित पवार के साथ हैं और कितने शरद पवार के साथ हैं।
किसानों को सरकार से नहीं मिली कोई मदद- बालासाहेब थोरात
सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सरकार में शामिल सभी नए मंत्रियों का परिचय कराया। कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने सदन में किसानों के सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य की परिस्थिति काफी गंभीर है और राज्य का दौरा करने की आवश्यकता है। आधे से ज्यादा जिलों में केवल 20 प्रतिशत ही फसलों की बुवाई हो पाई है। इसके आलावा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का भी अनुदान नहीं मिल पाया है। बड़े पैमाने पर बाजार में फर्जी बिलों के जरिए सरकारी अनुदान पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया जा रहा है लेकिन सरकार का किसानों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं है। सरकार मंत्रिमंडल विस्तार, विभागों के बंटवारे और दिल्ली दौरे में अटकी हुई है।
किसानों के साथ है राज्य सरकार- देवेंद्र फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब देते हुए कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत फसलों की बुवाई हो गई है। पुणे और नासिक के भागों में बारिश कम होने की वजह से समय से किसान बुवाई नहीं कर पाए हैं। फडणवीस ने कहा कि इसके लिए एक समिति की स्थापना की गई है जो स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। सरकार ने पिछले वर्ष किसानों की 10 हजार करोड़ रुपए की मदद की है। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार किसानों के साथ खड़ी हुई है।
विधान भवन की सीढ़ियों पर विपक्ष के प्रदर्शन से गायब रहे शरद गुट के विधायक
विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत होने से पहले ही महाविकास आघाडी की तीनों पार्टियों में तालमेल देखने को नहीं मिला। विधान भवन की सीढ़ियों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक शामिल हुए लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) के विधायक नदारद रहे। शरद गुट के विधायकों की गैरहाजिरी पर जब राकांपा विधायक एकनाथ खडसे से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सोमवार का दिन विधानमंडल की कार्यवाही का पहला दिन था, लिहाजा कुछ विधायक समय पर नहीं पहुंच पाए। जिसके चलते में विपक्ष के आंदोलन में शामिल नहीं हो पाए।
शरद गुट अपने विधायकों के बैठने के प्लान से नाखुश
विधानसभा में राकांपा (शरद गुट) के विधायकों के बैठने को लेकर संशय की स्थिति दिखाई दी। राकांपा (शरद गुट) विधायक दल के नेता जयंत पाटील ने कहा कि उनके गुट के विधायकों को सदन में एक जगह बैठाने का इंतजाम किया जाता तो अच्छा होता। 40 से ज्यादा विधायकों के अजित गुट में शामिल होने के बाद से पता नहीं चल पा रहा है कि कितने विधायक किस गुट के साथ है। जयंत पाटील का दावा उनके करीब 14 विधायक सोमवार को विधानसभा पहुंचे।
जब शरद गुट के मुख्य सचेतक ही नहीं पहुंचे विधानसभा
रविवार को राकांपा (शरद गुट) के मुख्य सचेतक जितेंद्र आव्हाड ने राकांपा के सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था लेकिन सोमवार को आव्हाड खुद विधानसभा की कार्यवाही में नहीं पहुंच पाए। दरअसल आव्हाड विधान भवन से कुछ ही दूरी पर स्थित यशवंतराव चव्हाण सभागृह में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ दिखे।
जब आदित्य को देखते हुए मुस्कुराकर निकल गए सीएम शिंदे
सोमवार को विधानमंडल की कार्यवाही से पहले विपक्ष के विधायक विधान भवन की सीढ़ियों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। तभी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वहां से निकले और नारेबाजी कर रहे आदित्य को देखते हुए मुस्कुराकर देखते हुए निकल गए। आदित्य कांग्रेस के विधायकों के साथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
Created On :   17 July 2023 9:39 PM IST