मराठा आरक्षण को लेकर अपनी-अपनी ढपली बजा रहे नेता

मराठा आरक्षण को लेकर अपनी-अपनी ढपली बजा रहे नेता
आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाना चाहते हैं सभी दलों के नेता

डिजिटल डेस्क, मुंबई. विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाकर मराठा समाज को ओबीसी कोटे में आरक्षण देने वाले बयान को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और राकांपा (अजित) के नेताओं की राय अलग-अलग नजर आ रही है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि ओबीसी कोटे से मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग उचित नहीं है। मराठा समाज को अलग से आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। बावनकुले ने कहा कि वडेट्टीवार की भूमिका एकदम गलत है। क्योंकि इससे दो समाज के बीच तनाव पैदा हो सकता है। वडेट्टीवार ने केवल राजनीतिक हित साधने के लिए इस तरह का बयान दिया है। जबकि औरंगाबाद में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने कहा कि ओबीसी आरक्षणऔर मराठा आरक्षण दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं। मराठा समाज को भी ओबीसी कोटे से आरक्षण मिलने की अपेक्षा नहीं है।

वहीं प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति छगनभुजबल ने कहा कि ओबीसी को केवल 17 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। इसमें भी ओबीसी की 400 जातियां शामिल हैं। इससे ओबीसी और मराठा दोनों समाज के सामने समस्या पैदा हो सकती है। इसलिए केंद्र सरकार यदि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाकर 60 प्रतिशत करती है तो उसका फायदामराठा, पटेल, गुर्जर सहित आरक्षण की मांग करने वाले अन्य समाज को हो सकता है। नाशिक मेंभुजबल ने कहा कि विपक्ष के नेता वडेट्टीवार की आरक्षण के 50 प्रतिशत के दायरे को बढ़ाने की मांग जायज है।वडेट्टीवार की मांग गलत नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी यह मांग कर चुके हैं। ओबीसी के वर्तमान आरक्षण को बाधा पहुंचाए मराठा समाज को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके पहले रविवार को जालना में वडेट्टीवार ने कहा था कि हमारा मराठा समाज को ओबीसी के कोटे में आरक्षण देने का विरोध नहीं रहेगा। लेकिन इसके लिए पहले केंद्र सरकार को 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का फैसला करना चाहिए।

इधर, बीआरएस के नेता तथा पूर्व विधायक हरिभाऊ राठोड ने कहा कि केंद्र सरकार के आरक्षण 50 प्रतिशत की आरक्षण की सीमा बढ़ाना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार को रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए। जिससे कुनबी-मराठा को जाति के अनुपात में आरक्षण लागू किया जा सकता है।

Created On :   4 Sept 2023 9:16 PM IST

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