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आरोप: अजीत पवार पर लगे आरोप पर विधायक रोहित पवार का बड़ा बयान
- हमारी जांच शुरू, फिर सत्ताधीशों की जांच करने में क्या आपत्ति है?
- विधायक रोहित पवार का बड़ा बयान
- जीत पवार पर लगे आरोप
डिजिटल डेस्क, पुणे। पूर्व पुलिस आयुक्त और रिटायर्ड आईपीएस पुलिस अधिकारी मीरा बोरवणकर ने अपनी आत्मकथात्मक पुस्तक में पुणे के तत्कालीन संरक्षक मंत्री अजीत पवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। येरवडा में पुलिस स्टेशन की जमीन नीलाम करने का फैसला तत्कालीन दादा ने मंत्री लिया था। इसके लिए उनपर दबाव बनाया गया, इसका जिक्र मीरा बोरवणकर की किताब 'मैडम कमिश्नर' के अध्याय 'द मिनिस्टर' में किया गया है। इस बयान पर विपक्षी दलों ने महायुति आघाडी सरकार पर निशाना साधा है। इसके बाद आरोप- प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। इस क्रम में सोमवार को पुणे पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार ने बड़ा बयान दिया है। हमारी चहुंओर से जाँच की जा रही है फिर सत्ता में शामिल लोगों की जाँच करने में क्या आपत्ति है? यह सवाल उन्होंने उठाया है।
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवणकर की पुस्तक में लगे गंभीर आरोपों से उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने साफ़ इंकार किया है। हालाँकि इसके बाद से राज्य के राजनीतिक गलियारे में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस के अजीत पवार गुट द्वारा मीरा बोरवणकर की कड़ी आलोचना की जा रही है। वहीं इस मुद्दे पर आक्रामक हुआ विपक्ष अजित पवार की जांच की मांग कर रहा है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने ईडी और फड़णवीस पर उंगली उठाते हुए सवाल उठाया है कि अब ईडी क्या करेगा? हालाँकि शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने पुस्तक अब तक नहीं पढ़ने से इस मुद्दे पर कोई राय देने से मन कर दिया। वहीँ विधायक रोहित पवार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देकर सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है।
आज युवा संघर्ष यात्रा के लिए पुणे में पहुंचे विधायक रोहित पवार ने मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा अजीत पवार पर लगे आरोपों के बारे पूछे जाने पर कहा कि, मैं बिल्डिंग बिजनेस में नहीं हूं, इसलिए मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। मगर सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए कि जमीन किसने किसे दी और उसका क्या हुआ? इस मामले की न्यायिक जांच करायी जानी चाहिए। बारामती एग्रो के मामले में मेरी भी जांच हो रही है, फिर सत्ता में शामिल किसी से पूछताछ करने में क्या दिक्कत है? रोहित पवार ने यह भी कहा कि, इन सवालों के साथ-साथ युवाओं के मुद्दे भी अहम हैं। उनकी सामाजिक और आर्थिक समस्याओं पर चर्चा होनी चाहिए। मगर सरकार की ओर से दमन की राजनीति चल रही है और युवाओं के फेसबुक अकाउंट बंद किये जा रहे हैं। सरकार के खिलाफ बोलने वालों की आवाज दबाने का काम किया जा रहा है, यह आरोप भी पवार ने लगाया।
Created On :   16 Oct 2023 6:28 PM IST