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Mumbai News: भिवंडी मेट्रो और ठाणे में हुई दुर्घटना पर ऊंची इमारतों के निर्माण एवं सार्वजनिक निर्माण स्थलों पर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई

- अदालत के निर्देश पर मुंबई महानगरपालिका ने 2023 में विशेषज्ञ समिति का किया था गठन
- महानगर पालिकाओं को बीएमसी के विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को कड़ाई से पालन करने का दिया निर्देश
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने भिवंडी मेट्रो और ठाणे में हुई दुर्घटना पर ऊंची इमारतों के निर्माण एवं सार्वजनिक निर्माण स्थलों पर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। अदालत ने राज्य सरकार और सभी महानगर पालिकाओं को निर्माण स्थलों पर सुरक्षा के लिए बीएमसी के विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। अदालत के निर्देश पर मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने 2023 में विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।
भिवंडी मेट्रो साइट से गिरी लोहे की रॉड ऑटो यात्री के सिर में घुस गई थी, जिससे उसकी मौत हो गई.12 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।
न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ एस. डॉक्टर की पीठ ने कहा कि 2023 में कोर्ट ने उम्मीद जताई थी कि ऐसे निर्माण कार्यों से लोगों की जान को खतरा नहीं होना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से चलने के अधिकार में भय महसूस होता है कि उस पर कोई वस्तु गिर सकती है, तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। पीठ ने कहा कि यदि 2023 में गठित विशेषज्ञ समिति की सुरक्षा गाइडलाइंस को सभी महानगर पालिका, नियोजन प्राधिकरणों तक ठीक से पहुचाया गया होता और उन पर अमल हुआ होता, तो यह हादसा रोका जा सकता था।
पीठ ने तस्वीरों और समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि निर्माण स्थलों के नीचे बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के लोगों और यातायात को जाने दिया जाता है, जिससे मानव जीवन को खतरा होता है।
याचिका 2023 में लोखंडवाला रेजिडेंसी टावर्स को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी द्वारा ऊंची इमारतों में इस्तेमाल होने वाली क्रेन से होने वाले खतरों को लेकर दायर किया गया था. पीठ ने उस समय भी कहा था कि सार्वजनिक जगहों पर वस्तुओं का गिरना नागरिकों के जीवन और आवागमन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
Created On :   8 Aug 2025 8:57 PM IST