Mumbai News: हिंदी विरोध के बाद अब विशेष जन सुरक्षा विधेयक का विरोध करने की तैयारी में उद्धव ठाकरे

हिंदी विरोध के बाद अब विशेष जन सुरक्षा विधेयक का विरोध करने की तैयारी में उद्धव ठाकरे
  • सदन से सड़क तक लड़ाई लड़ने की है तैयारी
  • विशेष जन सुरक्षा विधेयक का विरोध होगा

Mumbai News. राज्य सरकार को हिंदी भाषा के मुद्दे पर घेरने के बाद शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने महाविकास आघाडी के साथी दलों के साथ अब फडणवीस सरकार को विशेष जन सुरक्षा विधेयक पर घेरने की योजना बना ली है। ठाकरे ने आजाद मैदान में जन सुरक्षा विधेयक के विरोध में एक प्रदर्शन के दौरान कहा कि सरकार सोचती है कि जो कोई भी सरकार या भाजपा के खिलाफ बोलता है वह देशद्रोही है। भले ही सरकार के पास सदन में बहुमत हो लेकिन सड़कों पर हमारे पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कल तक हम पर हिंदी थोप रहे थे लेकिन अब वो पीछे हटने को मजबूर हुए हैं। विशेष जन सुरक्षा विधेयक पर भी सरकार को इसी तरह घेरा जाएगा।

ठाकरे ने सोमवार को जन सुरक्षा विधेयक के विरोध में हो रहे एक कार्यक्रम में कहा कि भाजपा के लोग विपक्ष के लोगों को जेल भेजने का सपना देख रहे हैं। लेकिन उनकी पार्टी में शामिल होने वाले लोग संत बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस देश में आजकल जो भी भाजपा के खिलाफ बोलता है, उसे देशद्रोही करार कर दिया जाता है। ठाकरे ने कहा कि पहलगाम हमले के आतंकी अगर भाजपा में शामिल होंगे तो उनके सभी गुनाह माफ हो जाएंगे। लेकिन हम सत्ता के इस मजे को आसानी से नहीं मनाने देंगे। हम उनके खिलाफ सदन से लेकर सड़क पर मोर्चा खोलेंगे। ये भाजपा के ही लोग हैं जो किसानों को नक्सली बताते हैं। अब राजनीतिक विरोधियों को नक्सली के रूप में परिभाषित करने के लिए जन सुरक्षा विधेयक लाया जा रहा है।

शिंदे सरकार में पेश हुआ था विशेष जन सुरक्षा विधेयक

पिछले साल विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार ने व्यक्तियों और संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से विधानसभा में एक विधेयक पेश किया जिससे कानूनी माध्यमों से ग्रामीण और शहरी इलाकों में नक्सली संगठनों की बढ़ती मौजूदगी पर शिकंजा कसने की बात कही थी। महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा अधिनियम- 2024 नाम के इस विधेयक को शहरी क्षेत्रों में बढ़ते नक्सलवाद पर रोक लगाने के लिए अहम माना जा रहा है। हालांकि विपक्ष ने उस समय भी इसे राज्य की जनता के मौलिक अधिकारों का हनन बताया था। महाराष्ट्र से पहले छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा ने गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम के लिए जन सुरक्षा अधिनियम बनाए गए हैं। विधेयक के अनुसार किसी भी गैरकानूनी संगठन से जुड़ने पर तीन से सात साल के जेल की सजा और 3 से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है

Created On :   30 Jun 2025 9:26 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story