महाराष्ट्र: पिछले वर्ष 49 हजार जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, 27 एफआईआर हुईं दर्ज

पिछले वर्ष 49 हजार जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, 27 एफआईआर हुईं दर्ज
  • सवा दो लाख से ज्यादा ने किया था आवेदन
  • सवा लाख जन्म प्रमाणपत्र बने
  • 49 हजार जन्म प्रमाण पत्र फर्जी

Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। महाराष्ट्र में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य सरकार के राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में करीब 2 लाख 24 हजार लोगों ने जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था, जिसमें से सिर्फ 1 लाख 24 हजार प्रमाण पत्र ही बन सके। लगभग एक लाख के करीब जन्म प्रमाण पत्रों की कई महीनों तक जांच हुई, जिन्हें आखिरकार रद्द कर दिया। सरकार ने जो 1 लाख 24 हजार जन्म प्रमाण पत्र जारी किए थे, जब उनकी गहनता से जांच की गई तो उस जांच में 49 हजार जन्म प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। इसका मतलब हुआ कि 49 हजार जन्म प्रमाण पत्र अवैध तरीके से बनाए गए थे, जिन्ह सरकार ने तुरंत निरस्त कर दिया है। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया पिछले काफी समय से महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ मुहिम चलाए हुए हैं। सोमैया की मांग पर ही सरकार इस मामले में टास्क फोर्स बना चुकी है जो राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के जन्म प्रमाण पत्र की जांच कर रही है।

क्या है मामला?

कुछ दिनों पहले राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने राज्य में अवैध रूप से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर महाराष्ट्र में रह रहे लोगों की खोजबीन करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का ऐलान किया था। बावनकुले ने कहा था कि राज्य के कई जिलों में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का गोरखधंधा चल रहा है और सरकार पूरी तत्परता के साथ इसमें कार्रवाई कर रही है। राजस्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2024 में महाराष्ट्र में करीब 2 लाख 24 हजार लोगों ने जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। राज्य के अलग-अलग जिलों में संबंधित विभागों ने 1 लाख 24 हजार लोगों को जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया लेकिन जब भाजपा नेता किरीट सोमैया ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ मुहिम शुरु की तो जांच में पाया गया कि स्थानीय प्रशासन ने जिन 1 लाख 24 हजार लोगों को जन्म प्रमाण पत्र दिया था, उनमें से 49 हजार लोगों ने ये जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाए थे। इनमें ज्यादातर बांग्लादेश के रहने वाले लोग हैं।

सोमैया के हैं ये आरोप?

किरीट सोमैया ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि राज्य में अभी तक पिछले एक वर्ष में सैकड़ों लोगों के खिलाफ कुल 27 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सोमैया ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अवैध कागजात का सहारा लेने वाले लोगों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज की गई है, इसमें 43 वकील और 94 एजेंट के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। सोमैया ने कहा कि 28 सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के साथ-साथ चार पत्रकारों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में कुल 50 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। सोमैया ने कहा कि अकोला, अमरावती और मालेगांव में अवैध तरीके से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं। अभी तक सरकार ने जितने भी जन्म प्रमाण पत्रों को रद्द किया है उनमें 95 फीसदी लोग मुस्लिम समुदाय से हैं।

चार साल में 515 बांग्लादेशी डिपोर्ट किए

राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में 515 लोगों को उनके देश वापस भेजा है। साल 2021 में राज्य में अवैध रूप से रह रहे 109 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर वापस बांग्लादेश भेजा गया है। साल 2022 में 77, साल 2023 में 127 और साल 2024 में 202 बांग्लादेशियों को उनके देश डिपोर्ट किया जा चुका है। जबकि बाकी गिरफ्तार लोगों पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है।

Created On :   15 Sept 2025 9:55 PM IST

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