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Mumbai News: तीनों दलों के नेताओं ने सीएम और दोनों डीसीएम पर छोड़ा यह फैसला

- महायुति में महामंडल बंटवारे पर नहीं बन पा रही है सहमति
- तीनों दलों के नेताओं ने सीएम और दोनों डीसीएम पर छोड़ा फैसला
Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को छह महीने से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन महायुति के तीनों ही दलों भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) में महामंडल के बंटवारे को लेकर अभी तक कोई आम राय नहीं बन सकी है। सूत्रों का कहना है कि तीन दिन पहले महायुति के नेताओं की मुंबई में हुई बैठक में तीनों ही दलों के नेताओं में राज्य में होने वाले स्थानीय चुनावों के साथ-साथ महामंडल के बंटवारे पर चर्चा की, लेकिन बैठक में मौजूद तीनों दलों के सभी नेताओं ने महामंडल पर फैसला लेने के लिए सभी अधिकार तीनों दलों के प्रमुख नेताओं देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को दे दिए हैं।
बैठक में महामंडल बंटवारे पर क्या चर्चा हुई?
महायुति की इस बैठक में शामिल हुए एक नेता ने 'दैनिक भास्कर' को बताया कि महायुति की पिछली सरकार में भी लगभग ढाई साल तक महामंडल का बंटवारा तीनों दलों में नहीं हो पाया था। जिसको लेकर तीनों ही दलों के नेताओं में नाराजगी भी देखने को मिली थी। लेकिन अब तीनों पार्टियों के नेता चाहते हैं कि जो नेता मंत्री नहीं बन पाए हैं, उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए बहुत जल्द महामंडल का बंटवारा करना चाहिए। इसी को लेकर शिवसेना (शिंदे) नेता उदय सामंत, राकांपा (अजित) प्रदेशाध्यक्ष सुनील तटकरे और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को महामंडल के बंटवारे के लिए चर्चा का अधिकार दिया गया है। हालांकि इन तीनों नेताओं ने बैठक तय किया हम सभी चाहते हैं कि महामंडल बंटवारे पर जल्द फैसला हो। लेकिन बैठक में मौजूद सभी दलों के नेताओं ने सर्वसम्मति से महामंडल बंटवारे पर फैसला फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार पर छोड़ दिया है। इस नेता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द इस पर फैसला हो जाएगा।
शिंदे ने पिछली बार चुनाव से पहले बांटे थे महामंडल
दरअसल महायुति की पिछली सरकार में भी आखिरी समय तक तीनों दलों में महामंडल बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ था। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने कुछ नेताओं को महामंडल बांट दिए थे। हालांकि शिंदे के इस फैसले पर भाजपा और अजित के नेताओं ने सवाल उठाए थे। खबर है कि महायुति के बड़े नेता राज्य में नवंबर में होने वाले संभावित स्थानीय चुनावों से पहले महामंडल का बंटवारा चाहते हैं, ताकि तीनों ही दलों में नाराज नेताओं को मनाया जा सके। वैसे भी फडणवीस के मंत्रिमंडल में सिर्फ एक मंत्री की जगह को खाली छोड़ा गया है ताकि उसका लॉलीपॉप दिखाकर नाराज नेताओं को शांत कराया जा सके।
Created On :   26 Jun 2025 8:48 PM IST