Mumbai News: पांच साल में 403 लोग हुए वन्यजीवों के शिकार, 21 हजार 583 जानवरों की गई जान

पांच साल में 403 लोग हुए वन्यजीवों के शिकार, 21 हजार 583 जानवरों की गई जान
  • सोलर फेंसिंग पर फोकस
  • जानवरों के हमले में 403 लोगों की मौत हो चुकी है

Mumbai News. जैसे-जैसे जंगलों की तरफ मानवीय अतिक्रमण बढ़ रहा है, जंगली जानवर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान महाराष्ट्र में बाघ, तेंदुआ, जंगली सूअर, लोमड़ी, लकडबघा, भालू, भेड़िया, बंदर और सियार जैसे जानवरों के हमले में 403 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 21 हजार 583 जानवर भी मारे गए हैं। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई सहित राज्यभर में तेजी से विकास हो रहा है। शहरों का दायरा बढ़ रहा है। इससे जंगलों का अतिक्रमण जारी है। इसकी वजह से वन्यजीव आबादी तक पहुंच रहे हैं। इसके चलते पिछले कुछ सालों में इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष बढ़ा है। इंसानों पर जानवरों के हमले बढ़ गए हैं। पिछले पांच सालों में जंगली जानवारों के हमले में 403 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि राज्य सरकार के वन विभाग की तरफ से मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाघ के हमले में किसी की मौत होने पर तो उनके परिवारों को 25 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।

सोलर फेंसिंग पर फोकस

गणेश नाइक, महाराष्ट्र राज्य वन मंत्री के मुताबिक बाघों और तेंदुओं को मानव बस्तियों में घुसने से रोकने के लिए वन क्षेत्र में ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, बाघों के जंगल से बाहर आकर मानव बस्तियों में घुसने से रोकने के लिए सोलर फेंसिंग भी की जा रही है।


Created On :   3 Jun 2025 8:46 PM IST

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