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Mumbai News: राज ठाकरे की वजह से बिखरेगी महा आघाड़ी, राकांपा शरद गुट में दो मत, छिटकने की तैयारी में कांग्रेस

- राज को लेकर मुश्किल में कांग्रेस
- राज ठाकरे की वजह से बिखरेगी महा आघाड़ी
- राकांपा शरद गुट में दो मत,
Mumbai News. विजय सिंह "कौशिक'। आगामी मनपा चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन ने विपक्षी महा आघाड़ी की चूले हिला दी हैं। कांग्रेस को राज ठाकरे के साथ खड़े होने से परहेज है पर महा आघाड़ी के एक और प्रमुख दल राकांपा (शरद) में राज को लेकर पार्टी के नेता दो धड़े में बंटे नजर आ रहे हैं।
दो दिनों पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने मुंबई मनपा चुनाव को लेकर यशवंत राव चव्हाण सभागृह में अपने पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई थी। बैठक में राज ठाकरे के साथ वाले गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में शामिल पार्टी के मुस्लिम नेता राज ठाकरे के साथ जाने के सख्त खिलाफ नजर आए। जबकि मराठी नेताओं का कहना था कि हमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ मिल कर मुंबई मनपा चुनाव लड़ना चाहिए। इससे हमे कुछ सीटों पर जीत मिल सकती है। इस पर पार्टी के एक मुस्लिम नेता ने कहा कि राज के साथ गए तो हमें मुस्लिम वोट से हाथ धोना पड़ेगा।
इस दौरान कुछ नेताओं ने इस बात को लेकर भी आशंका जताई कि संभव है महा आघाड़ी को तोड़ने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इशारे पर ही मनसे अध्यक्ष महा आघाड़ी की तरफ आए हो। इस लिए हमें सावधानी से फैसला लेना चाहिए। कुछ नेताओं ने अकेले सभी 227 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात भी की। इस दौरान शरद पवार ने अपने नेताओं की सारी बातें सुनी पर खुद कुछ बोलने से परहेज किया।
आपको बता दें कि पिछले मुंबई मनपा चुनाव (2017) में राकांपा (अविभाजित) ने कांग्रेस के साथ मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ा था और सात सीटों पर जीत हासिल की थी। कई बार राज्य की सत्ता में आने के बावजूद राकांपा कभी भी मुंबई में मजबूत नहीं बन सकी।
राज को लेकर मुश्किल में कांग्रेस
राज ठाकरे को लेकर कांग्रेस मुश्किल में पड़ गई है। फिलहाल बिहार चुनाव को देखते हुए कांग्रेस नेता राज ठाकरे के आसपास नहीं दिखना चाहते। बिहार में राज ठाकरे को लेकर हर आम-खास के मन में भारी नाराजगी रहती है। ऐसे में यदि यह संदेश गया कि कांग्रेस महाराष्ट्र में राज ठाकरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है, तो बिहार में आरजेडी की सहयोगी कांग्रेस को भारी नुकसान हो सकता है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज ठाकरे के साथ मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ने से तात्कालिक लाभ मिल सकता है पर भविष्य के लिए यह फैसला ठीक नहीं रहेगा। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। उसे हिंदी प्रदेशों में भी राजनीति करनी है। जबकि राज ठाकरे की राजनीति प्रांतवाद भाषावाद की रही है और वे आगे भी यही राजनीति करते दिखाई दे रहे। इस लिए पार्टी को अकेले ही चुनाव लड़ना चाहिए।
बीएमसीः एक साथ रहेगी महायुति
एक तरफ जहां विपक्षी गठबंधन बिखरता दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी महायुति कम से कम मुंबई मनपा चुनाव में एकजुट रहने का फैसला किया है। मुंबई के अलावा पुणे, पिंपरी-चिंचवड, नागपुर, नवी मुंबई, मीरा-भायंदर जैसी महानगरपालिकाओं में महायुति के दल एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे पर बीएमसी चुनाव में भाजपा, शिवसेना (शिंदे) व राकांपा (अजित) का मिलकर चुनाव लड़ना तय है।
Created On :   30 Oct 2025 9:36 PM IST













