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Mumbai News: भिवंडी सेशन कोर्ट से अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार अमेरिकी नागरिक को मिली जमानत

- वॉटसन पर बिजनेस वीजा पर भारत में आकर धर्मांतरण करने का आरोप
- दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर नहीं मिली थी राहत
- बॉम्बे हाई कोर्ट से जेम्स वॉटसन को राहत नहीं
Mumbai News. भिवंडी सेशन कोर्ट से अवैध धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार अमेरिकी नागरिक जेम्स वॉटसन को जमानत मिल गई है। पिछले दिनों उन्हें हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का अनुरोध किया था। वॉटसन पर बिजनेस वीजा पर भारत में आकर धर्मांतरण करने का आरोप है।
अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एन. पी. काले के समक्ष बुधवार को जेम्स वॉटसन की ओर से वकील अमोल अरुण शिंदे की दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायाधीश काले ने कहा कि याचिकाकर्ता की विभिन्न शर्तों पर जमानत याचिका स्वीकार की जाती है। उन्हें 30 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। हर बुधवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाना होगा। बिना अदालत की इजाजत के सेशन कोर्ट के क्षेत्र को छोड़ने पर प्रतिबंध है।
पिछले दिनों जेम्स वॉटसन की हाई कोर्ट में दायर याचिका सुनवाई हुई थी। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी थी कि याचिकाकर्ता 4 अक्टूबर 2025 को सुबह भिवंडी के एक प्रार्थना सभा मं् गए थे। इस दौरान कुछ संगठनों के कार्यकर्ता वहां आ गए और उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। पुलिस आ गई और प्रार्थना सभा का आयोजन करने वाले लोगों को अपने साथ लेकर गई। पुलिस ने धर्मांतरण के मामले में जेम्स वॉटसन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इस प्रार्थना सभा से याचिकाकर्ता का कोई संबंध नहीं था। उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाना चाहिए। इस पर पीठ ने कहा था कि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला नहीं है। पीठ ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
क्या है पूरा मामला
भिवंडी में अवैध धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने 58 वर्षीय जेम्स वॉटसन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पर भिवंडी के चिंबिपाड़ा गांव में प्रार्थना सभा के दौरान ग्रामीणों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का आरोप है। भिवंडी तालुका पुलिस स्टेशन में तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 (धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए दुर्भावनापूर्ण कृत्य), धारा 302 (जानबूझकर धार्मिक भावनाएं आहत करना), विदेशी नागरिक अधिनियम (वीज़ा नियमों के उल्लंघन) और महाराष्ट्र के 2013 के एंटी-ब्लैक मैजिक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Created On :   29 Oct 2025 10:19 PM IST












