Mumbai News: निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए पवित्र पोर्टल के सख्त इस्तेमाल का निर्देश

निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए पवित्र पोर्टल के सख्त इस्तेमाल का निर्देश
  • राज्य सरकार को एसओपी का मसौदा तैयार करने को कहा
  • शिक्षकों की भर्ती के लिए पवित्र पोर्टल के सख्त इस्तेमाल का निर्देश

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य के निजी शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार के पवित्र पोर्टल के सख्त इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि वर्तमान में राज्य भर में कई शैक्षणिक संस्थान इस आड़ में निजी तौर पर भर्ती प्रक्रिया संचालित कर रहे हैं कि पोर्टल काम नहीं कर रहा है या उन्हें लॉगिन आईडी नहीं दी गई है। अदालत ने राज्य सरकार को इसको लेकर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार करने को कहा है।न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति अश्विन भोबे की पीठ ने रायगढ़ जिले के कुछ शिक्षकों और सुधागढ़ एजुकेशन सोसाइटी की याचिका पर अपने आदेश में कहा कि पवित्र पोर्टल भर्ती प्रणाली का कड़ाई से पालन और अत्यधिक अनुशासन होना चाहिए। पीठ ने राज्य के शिक्षा एवं खेल विभाग के प्रमुख सचिव को सभी शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कम से कम तीन सदस्यों की एक उच्च-स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश दिया। इसके बाद सरकार दोषी संस्थानों के खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई शुरू करेगी। पीठ ने कहा कि सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि पवित्र पोर्टल सभी संस्थानों के लिए काम करे और उन्हें लॉगिन आईडी प्रदान की जाए। पीठ ने पवित्र पोर्टल की उपलब्धता और उस पर अतिरिक्त शिक्षकों के नाम लगातार अपलोड करने के संबंध में सरकार द्वारा एक ठोस मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को औपचारिक रूप देने का आदेश दिया।

पीठ ने कहा कि एसओपी मार्च 2026 तक तैयार कर ली जाएगी। उसके सामने ऐसे कई मामले आए हैं, जहां शैक्षणिक संस्थानों ने निजी नियुक्तियां की हैं, क्योंकि राज्य शिक्षा अधिकारी अतिरिक्त शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराने में विफल रहे। राज्य सरकार को ऐसे दोषी अधिकारियों से सख्ती से निपटना चाहिए। पीठ ने कहा कि यदि भर्ती की व्यवस्था उपलब्ध होने के बावजूद शैक्षणिक संस्थानों को निजी तौर पर शिक्षकों की भर्ती करने की अनुमति दी जाती है, तो यह व्यावहारिक रूप से पवित्र पोर्टल को निष्प्रभावी कर देगा। हमें ऐसी बिगड़ती स्थिति की उम्मीद नहीं थी। राज्य सरकार को प्रत्येक शिक्षा अधिकारी को जवाबदेह ठहराना चाहिए और इस मुद्दे से सख्ती से निपटना चाहिए।

रायगढ़ जिले के कुछ शिक्षकों और सुधागढ़ एजुकेशन सोसाइटी की दायर याचिकाओं में शिक्षा सेवक के रूप में उनकी नियुक्ति के अनुमोदन के उनके प्रस्ताव को अस्वीकार किए जाने को चुनौती दी गई थी। शिक्षकों को 2022 में शिक्षण सेवक के रूप में नियुक्त किया गया था। शिक्षकों की भर्ती प्रबंधन द्वारा निजी तौर पर की गई थी, क्योंकि सरकार का पवित्र पोर्टल सिस्टम सक्रिय नहीं था।

Created On :   29 Oct 2025 9:50 PM IST

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