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Mumbai News: 1 नवंबर से जोरों पर होगा विपक्षी मोर्चे के लिए मनसे और उद्धव गुट का प्रचार, कांग्रेस और शरद गुट की चर्चा सीमित

- विपक्षी नेताओं की रणनीति को लेकर बैठक होगी
- 1 नवंबर को विपक्षी मोर्चे के लिए मनसे और उद्धव गुट का प्रचार जोरों पर होगा
Mumbai News. चुनाव आयोग के खिलाफ मुंबई में 1 नवंबर को होने वाले महाविकास आघाड़ी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संयुक्त मोर्चे को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हालांकि इस मोर्चे को लेकर प्रचार अभियान में इस समय राज ठाकरे की मनसे और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव) सबसे आगे नजर आ रहे हैं। जबकि कांग्रेस और राकांपा (शरद) की ओर से अब तक प्रचार की गति धीमी बनी हुई है। मनसे और उद्धव गुट सोशल मीडिया, पोस्टर और बैनर के माध्यम से मोर्चे को लेकर माहौल गर्मा रहे हैं। दोनों दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में मुंबई पहुंचने का आह्वान किया है। राज ठाकरे ने इसे 'जनता की आवाज' मोर्चा बताया है, वहीं उद्धव गुट ने इसे चुनाव आयोग और सरकार विरोधी आंदोलन का रूप दिया है।
क्या होगा मोर्चे में?
शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत ने कहा कि मरीन ड्राइव से लेकर आजाद मैदान तक यह मोर्चा चुनाव आयोग की नाकामी और सरकार के खिलाफ निकाला जाएगा। राऊत ने कहा कि इस मोर्चे में महाविकास आघाडी के अलावा मनसे और दूसरे अन्य दलों को भी बुलाया गया है। क्योंकि सभी का गुस्सा चुनाव आयोग पर है। राऊत ने कहा कि चुनाव आयोग को बार-बार मतदाता सूची में खामियों को लेकर जानकारी दी गई है लेकिन उसने हमारी मांग को नजरअंदाज कर दिया है। यही कारण है कि अब हमने सोए हुए चुनाव आयोग को जगाने के लिए एकजुट होने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (उद्धव) और मनसे समेत विपक्षी दलों ने अपने-अपने कार्यकर्ताओं को इस मोर्चे में शामिल होने के लिए जानकारी भेजने शुरू कर दी है। वहीं खबर है कि कांग्रेस और शरद गुट की ओर से प्रचार गतिविधियां सीमित दायरे में सिमटी हुई हैं। कुछ स्थानीय स्तर पर बैठकें और कार्यकर्ताओं से अपील जरूर हुई है, लेकिन महाआघाड़ी की एकजुटता का स्पष्ट प्रदर्शन अभी तक नजर नहीं आया है। कांग्रेस नेता भी विपक्ष के इस मोर्चे पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
वैसे इस मोर्चे को लेकर विपक्षी दलों के प्रमुख नेता गुरूवार को मुंबई में बैठक कर मोर्चे की रूपरेखा और रणनीति पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में मनसे, शिवसेना (उद्धव), कांग्रेस और राकांपा (शरद) के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। बैठक में मोर्चे के दिए गए मार्ग, नेतृत्व और मुख्य मुद्दों पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 1 नवंबर का यह मोर्चा आगामी बीएमसी चुनाव से पहले विपक्षी दलों के लिए एकता और जनसमर्थन की परीक्षा साबित हो सकता है।
Created On :   29 Oct 2025 9:23 PM IST












