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Mumbai News: परली वैजनाथ में पशुपक्षी प्रदर्शनी पर खर्च होंगे 5 करोड़ 84 लाख, मंत्री पंकजा के गृहनगर में होगा आयोजन

- परली वैजनाथ में अखिल भारतीय पशुपक्षी प्रदर्शनी आयोजित होगी
- मंत्री पंकजा के गृहनगर में 10 से 12 दिसंबर के बीच होगा आयोजन
- सीमांत किसानों के उपजीविका का साधन
Mumbai News. बीड़ जिले के परली वैजनाथ में अखिल भारतीय पशुपक्षी प्रदर्शनी आयोजित होगी। पशुपक्षी प्रदर्शनी महापशुधन एक्सपो-2025 का आयोजन 10 से 12 दिसंबर के बीच होगा। राज्य सरकार ने पशुपक्षी प्रदर्शनी के लिए 5 करोड़ 84 लाख रुपए खर्च करने को प्रशासनिक मंजूरी प्रदान की है। परली वैजनाथ प्रदेश की पशुसंवर्धन मंत्री पंकजा मुंडे का गृहनगर है। यहां आयोजित प्रदर्शनी में महाराष्ट्र और दूसरे प्रदेशों के पशुधन की विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा। पशुसंवर्धन से संबंधित विभिन्न विषयों में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। व्यवसायियों द्वारा उनके उत्पादन और तकनीकी का स्टॉल लगाया जाएगा। इस प्रदर्शनी में पशुसंवर्धन विभाग के योजना का विस्तार व प्रचार करने के बारे में पशुपालकों को जानकारी प्रदान की जाएगी। पशुपालकों में पशुपालन व्यवसाय की अद्यतन तकनीक से अवगत कराया जाएगा। राज्य में पशुधन उत्पादन व प्रजनन क्षमता बढ़ाने को लेकर पशुपालकों में जनजागृति की जाएगी।
सीमांत किसानों के उपजीविका का साधन
सरकार के अनुसार भारत का पशुधन क्षेत्र विश्व में सबसे बड़ा है। विश्व का 11.6 प्रतिशत पशुधन भारत में है। जिन राज्यों में पशुधन उत्पादन ज्यादा है। वहां पर गरीबी का प्रमाण कम है। पशुसंवर्धन व्यवसाय से महिलाओं का सशक्तिकरण हो सकता है। कई सीमांत किसानों के उपजीवका का साधन निर्माण हो सकता है। पशुपालक व्यवसाय वाले इलाकों में किसान आत्महत्या का प्रमाण भी कम है।
प्रदेश में असंतुलित विकास
सरकार का कहना है कि देश के अंतर्गत उत्पादन की जिलेवार आंकड़ों के अनुसार राज्य में असंतुलित विकास हुआ है। राज्य के छह जिले मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे, पालघर, पुणे और नागपुर का राज्य के जीडीपी में 56 प्रतिशत हिस्सा है। जबकि प्रदेश के 10 जिले सोलापुर, सांगली, रायगड़, सातारा, जलगांव, अहिल्यानगर, छत्रपति संभाजीनगर, कोल्हापुर, नांदेड़ और अमरावती का जीडीपी में भागीदारी 26 प्रतिशत है। जबकि बाकी के 20 जिलों का जीडीपी में 18 प्रतिशत हिस्सा है। इन 20 जिलों में विदर्भ और मराठवाड़ा अंचल के अधिकांश जिलों का समावेश है। यह असंतुलन दूर करने की आवश्यकता है। इसलिए पशुसंवर्धन व्यवसाय को प्रोत्साहन देने और व्यवसायिक दृष्टिकोण अंगीकार करने आवश्यकता है। इसके मद्देनजर इस अंचल के पशुपालकों को प्रोत्साहित करने और जनजागृति फैलाने के लिए प्रदर्शनी आयोजित करने का फैसला लिया गया है।
Created On :   29 Oct 2025 8:58 PM IST












