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Mumbai News: स्वामीनारायण मंदिर के स्वामी तीर्थस्वरूप महाराज ने मुख्यमंत्री फडणवीस से की भेंट

- दादर पूर्व के स्वामीनारायण मंदिर
- स्वामी तीर्थस्वरूप महाराज ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सदिच्छा भेंट की
Mumbai News. बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान (बीएपीएस) द्वारा संचालित दादर पूर्व के स्वामीनारायण मंदिर के स्वामी तीर्थस्वरूप महाराज ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सदिच्छा भेंट की। इस दौरान संस्थान के महंत स्वामी के साथ फडणवीस की एक तस्वीर भेंट करते हुए। मुख्यमंत्री के साथ संस्थान के जरिये किए जा रहे कार्यों पर भी चर्चा हुई।
शिष्यों को दार्शनिक सिद्धांतों, नैतिक मूल्यों, अनुष्ठान की शिक्षा दी
भगवान स्वामीनारायण ने अपने शिष्यों को दार्शनिक सिद्धांतों, नैतिक मूल्यों, अनुष्ठान की शिक्षा दी। स्वामीनारायण संप्रदाय में कई गुरु हुए, जिन्होंने भगवान स्वामीनारायण की आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाया। वहीं भगवान स्वामीनारायण के तीसरे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी शास्त्री जी महाराज ने 1907 में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की स्थापना की, जिसके द्वारा दुनियाभर में कई मंदिर बनाए गए। इस संस्था ने दुनियाभर में 1,200 से ज्यादा हिंदू मंदिर बनाए हैं। साथ ही बीएपीएस को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
दुनिया में BAPS के 1100 मंदिर-
बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी BAPS एक हिंदू धार्मिक संगठन है। वैसे तो हिंदू धर्म में कई संप्रदाय हैं, जिसमें से एक संप्रदाय है स्वामीनारायण संप्रदाय। इस संप्रदाय के संस्थापक भगवान स्वामीनारायण थे, जिनका जन्म 3 अप्रैल 1781 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था। स्वामीनारायण जी को सहजानंद स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। उनके पिता श्री हरिप्रसाद व माता भक्तिदेवी ने उनका नाम घनश्याम रखा था। भगवान स्वामीनारायण के बारे में कहा जाता है कि इनके पैर में कमल का चिन्ह देखकर ज्योतिषियों ने कह दिया कि ये बालक लाखों लोगों के जीवन को सही दिशा देगा।
कम उम्र में ही शुरू कर दिया था शास्त्रों का अध्ययन
5 साल की उम्र में उन्होंने अध्ययन शुरू कर दी थी। वहीं 8 साल में जनेऊ संस्कार होते ही, उन्होंने शास्त्रों का अध्ययन करना शुरू कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि बहुत कम समय में उन्होंने कई शास्त्रों का अध्ययन कर लिया था। अल्पायु में ही वे घर छोड़कर देश भ्रमण पर निकल गए। भ्रमण के दौरान वे लोगों से मिलते, सत्संग करते और प्रवचन देते। उनकी ख्याति तेजी से फैलने लगी और उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी।
स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना
कहते हैं कि जगह-जगह ज्ञान और अध्यात्म की अलख जगाने के दौरान वे गुजरात पहुंचे और यहीं से उन्होंने स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना की। स्वामीनारायण संप्रदाय और इस संप्रदाय के अनुयायियों के जरिए उन्होंने समाज में फैली कई कुरीतियों को दूर करने में अपना योगदान दिया। उन्होंने विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य भी चलाए। स्वामीनारायण के इस सेवाभाव के कारण ही लोग उन्हें भगवान का अवतार मानने लगे।
Created On :   5 Jun 2025 10:29 PM IST