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Mumbai News: महायुति के तीनों दलों में महामंडलों के बंटवारे पर लगभग बनी सहमति

- भाजपा को 44, शिंदे गुट 33 और अजित गुट को 23 महामंडल मिल सकते हैं
- महायुति के तीनों दलों में महामंडलों के बंटवारे पर लगभग बनी सहमति
- समन्वय समिति की बैठक में बनी सहमति
Mumbai News. राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार को स्थापित हुए छह महीने से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन युति के तीनों ही दलों में महामंडल के बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी थी। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में हुई तीनों ही दलों की संयुक्त बैठक में आखिरकार महामंडलों के बंटवारे को लेकर चल रहा गतिरोध लगभग समाप्त हो गया है। राकांपा (अजित) के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार तीनों ही दलों में महामंडल के बंटवारे का फैसला पार्टियों के संख्याबल के आधार पर तय हुआ है। कुछ दिनों पहले तीनों दलों की समन्वय समिति की बैठक में महामंडल बंटवारे पर मुहर लगी। बंटवारे में भाजपा के खाते में 44 महामंडल जा सकते हैं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 33 और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को 23 महामंडल मिल सकते हैं। हालांकि आखिरी फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजित पवार ही करेंगे।
समन्वय समिति की बैठक में बनी सहमति
खबर है कि कुछ दिनों पहले ही महायुति की समन्वय समिति की बैठक हुई थी जिसमें तीनों दलों के बीच महामंडलों को लेकर सहमति बनी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि प्रमुख महामंडल जैसे सिडको और म्हाडा किसके खाते में जाएंगे, क्योंकि इन दोनों बड़े महामंडल को लेकर शिंदे गुट और भाजपा के बीच रस्साकशी जारी है। माना जा रहा है कि इन पर अंतिम निर्णय लेने के लिए एक और बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी। अगर इन पर फैसला समन्वय समिति नहीं ले सकी तो फिर इन मुख्य महामंडलों के बंटवारे पर आखिरी फैसला फडणवीस, शिंदे और अजित पवार की बैठक में होगा। राकांपा (अजित) के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक यह बंटवारा आगामी महानगरपालिका और स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों से पहले नाराज विधायकों को संतुष्ट करने और संगठनात्मक मजबूती के लिए किया गया है।
नाराज विधायकों की लॉबिंग शुरू
पिछले काफी समय से युति के तीनों दलों के भीतर जिन विधायकों या नेताओं को मंत्री पद नहीं मिला, वे अब महामंडल में अध्यक्ष पद की मांग कर रहे हैं। अब इन नेताओं ने अपने-अपने पार्टी के प्रमुखों के साथ लॉबिंग करनी शुरू कर दी है। इन पदों के जरिए नाराज नेताओं को संतुष्ट किया जा सकता है। महायुति के तीनों ही दल पहले ही आगामी स्थानिक स्वराज्य संस्था के चुनाव गठबंधन में लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
Created On :   23 July 2025 9:40 PM IST