Mumbai News: बीएमसी चुनाव के लिए महायुति में नहीं होगा टकराव, शिंदे गुट ने तैयार की रणनीति

बीएमसी चुनाव के लिए महायुति में नहीं होगा टकराव, शिंदे गुट ने तैयार की रणनीति
  • अभी तक शिंदे गुट में शामिल हुए करीब 95 पूर्व नगरसेवक
  • महायुति में नहीं होगा टकराव
  • साल 2017 में ऐसे बना था उद्धव ठाकरे का महापौर

Mumbai News. सोमदत्त शर्मा। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राज्य की सत्ता में मौजूद महायुति के दलों भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजित) ने अब रणनीतिक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक महायुति के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर टकराव टालने की पूरी योजना तैयार हो रही है, ताकि मुंबई में विपक्ष खासकर शिवसेना (उद्धव) और कांग्रेस को सीधी टक्कर दी जा सके। शिंदे गुट के एक नेता ने 'दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि पार्टी प्रमुख एकनाथ शिंदे ने पार्टी की अंदरूनी बैठकों में इस बात का कई बार जिक्र किया है कि जैसे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारा आखिर तक चला था, ऐसा बीएमसी चुनाव में देखने को नहीं मिलेगा। साथ ही सीटों के बंटवारे पर हम कोई अड़ियल रुख नहीं अपनाएंगे।

क्या है शिंदे गुट की रणनीति?

शिंदे गुट के एक नेता के मुताबिक हमारी पार्टी की पूरी कोशिश है कि बीएमसी की सत्ता पर दोबारा भगवा झंडा लहराया जाए। लेकिन इसके लिए गठबंधन के सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे में सौहार्द बनाए रखना होगा। इस नेता ने यह भी कहा कि पिछले दो चुनावों में महायुति में सीट बंटवारे के दौरान अनबन की खबरें सार्वजनिक हुई थीं, जिसका चुनाव में असर पड़ा था। चुनाव की घोषणा से पहले ही सीट शेयरिंग पर स्थिति लगभग स्पष्ट हो जाएगी। खबर है कि इस समय शिंदे गुट में करीब 55 नगरसेवक उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शामिल हो गए हैं। ऐसे में यह लगभग तय है कि पिछले बीएमसी के चुनाव में जिस क्षेत्र की सीट जिस पार्टी यानि भाजपा, शिवसेना (अविभाजित) और राकांपा (अविभाजित) के पास थी, इस चुनाव में भी वही सीट उसी पार्टी के पास होगी। हालांकि इक्का दुक्का सीटों पर अदला-बदली संभव है।

शिंदे गुट में पूर्व नगरसेवकों की संख्या 95 तक पहुंची

शिवसेना (शिंदे) में पूर्व नगरसेवकों की इनकमिंग अभी भी जारी है। शिंदे गुट के एक नेता के अनुसार अभी तक उनकी पार्टी में करीब 95 पूर्व नगरसेवक शामिल हो चुके हैं। जिनमें से 55 पूर्व नगरसेवक साल 2017-2022 तक के कार्यकाल के हैं, जबकि बाकी के साल 2007 और 2012 के चुनाव जीते हुए पूर्व नगरसेवक हैं। इनमें शिवसेना (उद्धव) के ज्यादातर पूर्व नगरसेवक हैं, जबकि बाकी के कांग्रेस और राकांपा (शरद) गुट के हैं।

साल 2017 में ऐसे बना था उद्धव ठाकरे का महापौर

साल 2017 के बीएमसी चुनाव में शिवसेना (अविभाजित) ने 84 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 82 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं कांग्रेस ने 31, राकांपा (अविभाजित) ने 9, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने 7 और समाजवादी पार्टी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। जब महापौर को लेकर शिवसेना (अविभाजित) और भाजपा में कोई बात नहीं बन सकी तो फिर मनसे के 6 नगरसेवकों समेत कुछ निर्दलीय नगरसेवकों के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे ने अपना महापौर बना लिया था। इस तरह से बहुमत नहीं मिलने के बावजूद उद्धव ठाकरे बीएमसी में अपना महापौर बनाने में कामयाब रहे थे।

Created On :   6 Oct 2025 9:24 PM IST

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