सरस जीवनोपार्जन मेला-2025: महाराष्ट्र के हस्तशिल्प उत्पादों को सराह रहे दिल्लीवासी, कौशल्य विकास से ही देश का विकास

महाराष्ट्र के हस्तशिल्प उत्पादों को सराह रहे दिल्लीवासी, कौशल्य विकास से ही देश का विकास
  • राज्य के स्वयं सहायता समूहों की सफलता देखकर गर्वः आर विमला
  • कौशल्य विकास से ही देश का विकास संभव- लोढ़ा
  • भारत के विकास में कौशल्य विकास का महत्वपूर्ण योगदान- जयंत चौधरी

New Delhi News. राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित ‘सरस जीवनोपार्जन मेला-2025’ में महाराष्ट्र के स्वयं सहायता समूहों के खाद्य और हस्तशिल्प उत्पादों को दिल्लीवासियों ने जमकर सराह रहे हैं। महाराष्ट्र सदन की रेजिडेंट कमिश्नर आर. विमला ने शुक्रवार को सरस जीवनोपचार मेला 2025 का दौरा कर वहां मौजूद उत्पादों का निरीक्षण किया तथा खरीददारी कर इन समूहों के कार्यों का उत्साहवर्धन किया। इस मेले में महाराष्ट्र के स्वयं सहायता समूहों ने ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी अपनाओ’ की अवधारणा को बढ़ावा देते हुए खाद्य और हस्तशिल्प उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं। आर. विमला ने स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों से बातचीत की और उनकी उत्पादन प्रक्रियाओं, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने इन समूहों के सशक्तिकरण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और उनके उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की सलाह दी। इस अवसर पर महाराष्ट्र सदन की सहायक आवासीय आयुक्त स्मिता शेलार और महाराष्ट्र परिचय केंद्र की जन-सहायता निदेशक मनीषा पिंगले भी उपस्थित थीं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आयोजित इस सम्मेलन में देश भर से 400 से अधिक ‘लखपति दीदियों’ ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया है। महाराष्ट्र के 9 स्टॉलों ने ‘स्वदेशी अपनाओ’ की भावना से खाद्य पदार्थों और हस्तशिल्प के माध्यम से राज्य की समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित किया है।

कौशल्य विकास से ही देश का विकास संभव- लोढ़ा

मुंबई में राज्य के कौशल्य विकास, रोजगार, उद्यमिता एवं नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने ‘क्षमता वृद्धि एवं जन जागरण कार्यशाला' के उद्घाटन के मौके पर विचार रखे।कौशल्य विकास ही देश की प्रगति की कुंजी है। कौशल्य विकास में केवल योजनाओं का मसौदा तैयार करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय स्तर पर इसकी सफलता की गाथाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए संवाद, समन्वय और एकात्मता होना समय की आवश्यकता है। राज्य और केंद्र सरकारों में आपसी तालमेल रखते हुए ‘टीम इंडिया’ के रूप में काम करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करना होगा। सह्याद्री अतिथि गृह में केंद्रीय कौशल्य विकास विभाग तथा राज्य के कौशल्य विकास विभाग की ओर से ‘क्षमता वृद्धि एवं जन जागरण कार्यशाला’ के उद्घाटन अवसर पर मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि समन्वय क्षमता को बढ़ाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसका सही दिशा में उपयोग करने के लिए समन्वय आवश्यक है। इसके लिए हर तीन महीने पर राज्य स्तरीय और वर्ष में एक बार राष्ट्रीय स्तर पर सभी कौशल्य विकास विभागों की बैठक अनिवार्य होगी। उन्होंने कहा कि कौशल्य विकास से ही देश का विकास संभव है।

भारत के विकास में कौशल्य विकास का महत्वपूर्ण योगदान- जयंत चौधरी

केंद्रीय कौशल्य विकास मंत्री जयंत चौधरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संदेश देते हुए कहा कि भारत के विकास में कौशल्य विकास का बड़ा योगदान है। भारत को वैश्विक स्तर पर आगे ले जाने के लिए कुशल मानव संसाधन की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कौशल्य विकास विभाग कई योजनाओं को प्राथमिकता से लागू कर रहा है। इस कार्यशाला के माध्यम से नई और रचनात्मक संकल्पनाएं भी सामने आएंगी।

Created On :   19 Sept 2025 10:15 PM IST

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