दोफाड के बाद राष्ट्रवादी के दोनों गुटों के बीच दबाव की सियासत

दोफाड के बाद राष्ट्रवादी के दोनों गुटों के बीच दबाव की सियासत
  • राकांपा के गढ़ पुणे में पदाधिकारियो को "देख लेने' की धमकी का दौर शुरू
  • दोनों गुटों के बीच दबाव की सियासत
  • 21 में से नौ सीटों पर है राकांपा का कब्जा, 6 विधायक अजीत के साथ

डिजिटल डेस्क, मुंबई, संतोष मिश्र।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में बंटवारे के बीच पवार के गृह जिले पुणे में पार्टी पदाधिकारियों को अपने पाले में लाने के लिए दोनों गुटों की तरफ से जोर आजमाईश शुरु हैं। इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों को धमकी तक दी जा रही है।अब दोनों धड़ों के नेताओं द्वारा पार्टी के दिग्गज नेताओं और पदाधिकारियों को अपने खेमे में शामिल करने की जद्दोजहद में जुट गए हैं।अपना कुनबा बढाने और मजबूत बनाने के लिए सत्ता में हिस्सेदारी का लालच देने से लेकर "देख लेने' की धमकी देने तक का दौर शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि अजीत पवार के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायकों का एक गुट राज्य की शिंदे- फडणवीस सरकार में शामिल हो गया है। राकांपा सुप्रिमों शरद पवार का गृह क्षेत्र बारामती पुणे जिले में आता है। अब पार्टी पदाधिकारियों को अपने पाले में करने के लिए दोनों गुट ताकत लगा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर पार्टी के बाहुबली, कद्दावर, दिग्गज नेता और व्यापक जनसंपर्क वाले पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को अपने अपने गुट में शामिल करने को लेकर दोनों गुटों के बीच होड़ लगी है। यह होड़ पुणे व पिंपरी चिंचवड़ में कुछ उग्र स्वरूप लेती नजर आ रही है। क्योंकि यहां अपने खेमे में शामिल करने के लिए लालच देने से लेकर धमकाने तक के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। राकांपा के एक युवा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे अजित गुट में शामिल होने के लिए धमकाया जा रहा है।

21 में से नौ सीटों पर है राकांपा का कब्जा, 6 विधायक अजीत के साथ

पुणे जिले में राष्ट्रवादी कांग्रेस के दो सांसद सुप्रिया सुले और डॉ अमोल कोल्हे हैं और दोनों पार्टी हाईकमान शरद पवार के साथ हैं। जिले में विधानसभा की 21 सीटें हैं जिसमें से 9 सीटें राकांपा के पास हैं। इनमें से तीन विधायक असमंजस में हैं जबकि अन्य 6 विधायक अजीत पवार के साथ हैं। पुणे शहर में पार्टी संगठन के अधिकांश नेता व पूर्व नगरसेवक शरद पवार के साथ हैं। वहीं पिंपरी चिंचवड़ का पार्टी संगठन एवं पूर्व नगरसेवक अजीत पवार के खड़े हैं। जबकि युवक एवं छात्र इकाइयां शरद पवार के साथ हैं। जिले का संगठन दो धड़ों में बंटा हुआ है।

दिया जा रहा सत्ता में हिस्सेदारी का लालच

अजित गुट सत्ताधारी हो चुका है। ऐसे में उसके नेता राकांपा नेताओं को अपने गुट में शामिल होने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। आगामी चुनाव में टिकट, महामंडलों में अवसर जैसे लालच देने के साथ साथ "देख लेने' की धमकी भी दी जा रही है। पुणे और पिंपरी चिंचवड में राष्ट्रवादी के कुछ नेताओं ने 'भास्कर' संवाददाता से की गई बातचीत में इस तरह के धमकी भरे फोन आने की बात कही।इस बारे में एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम पूरी तरह से अलर्ट हैं और सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं।


Created On :   14 July 2023 9:51 PM IST

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