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शिंदे की बगावत के सामने झुक गए थे उद्धव ठाकरे, पवार से मुलाकात के बाद बदला था फैसला - रामदास कदम
- शिंदे की बगावत के सामने झुक गए थे उद्धव
- ठाकरे ने आघाडी से हटने के लिए हां बोल दी थी
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। शिवसेना में हुई बगावत को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है और मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे राज्य की कमान संभाले हुए हैं। इस बगावत को लेकर शिवसेना (शिंदे गुट) के वरिष्ठ नेता और पूर्व पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने शिवसेना (उद्धव गुट) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को लेकर बड़ा खुलासा किया है। कदम ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में कहा कि उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे की बगावत के सामने झुक गए थे लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया था। कदम ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे मेरी बात मान जाते तो राज्य में आज राज्य में भाजपा-शिवसेना (युति) की सरकार होती।
जब ठाकरे ने आघाडी से हटने के लिए हां बोल दी थी
रामदास कदम को एक समय में उद्धव ठाकरे का करीबी नेता माना जाता था। ठाकरे जब भी कोई राजनीतिक बड़ा फैसला लेते थे तो रामदास कदम से सलाह मशविरा जरूर किया करते थे। जून 2022 में जब शिवसेना में बगावत हुई तो रामदास कदम उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए मातोश्री बंगले पर पहुंचे। कदम ने कहा कि पार्टी में एकनाथ शिंदे और दूसरे विधायकों ने इसलिए बगावत की थी कि ज्यादातर विधायक चाहते थे कि शिवसेना-भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाए। कदम ने ठाकरे से कहा था कि अगर आप राज्य में महाविकास आघाडी गठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाते हैं तो मैं एकनाथ शिंदे से वापस मुंबई लौटने के लिए कह सकता हूं। कदम ने ठाकरे को भरोसा दिलाया कि अगर आप आघाडी से अलग होने का फैसला करते हैं तो एकनाथ शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ वापस मुंबई लौट आएंगे। ठाकरे ने कदम से कहा कि वह तैयार हैं और जल्द ही इस पर फैसला लेकर बताएंगे।
पवार से मिलते ही बदल दिया था फैसला
ठाकरे और कदम की मुलाकात के अगले दिन शरद पवार उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए मातोश्री बंगले पर पहुंचे और उन्होंने ठाकरे से कहा कि वो बागी विधायकों की मांग के सामने झुकने से मना कर दें। जिस दिन शरद पवार ने ठाकरे से मुलाकात की थी उसी दिन ठाकरे ने रामदास कदम से कह दिया कि वह बागी विधायकों की मांग के सामने नहीं झुकेंगे। आलम यह रहा कि शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। कदम ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे उनकी बात मान लेते तो आज राज्य में शिवसेन- भाजपा (युति) की सरकार होती।
जून 2022 में शिंदे ने की थी बगावत
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से पिछले साल जून महीने में बगावत की थी। शिंदे ने बगावत के पीछे की वजह कांग्रेस और राकांपा की तत्कालीन सरकार में बढ़ती दखलंदाजी को बताया था। शिंदे ने तो उस समय राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर यह भी आरोप लगाए थे कि वह शिवसेना को भीतर ही भीतर खोखला कर रहे थे जिस पर उद्धव ठाकरे ने कोई फैसला नहीं लिया था, जिसका गुस्सा विधायकों में बढ़ गया था।
Created On :   13 July 2023 9:09 PM IST