हमें विष नहीं पीना है, मगर कड़वी दवा लेने के लिए तैयार रहना होगा - देवेंद्र फडणवीस

हमें विष नहीं पीना है, मगर कड़वी दवा लेने के लिए तैयार रहना होगा - देवेंद्र फडणवीस
  • उपमुख्यमंत्री बोले- भाजपा ने जो फैसला किया है, वह अधर्म नहीं बल्कि धर्म है
  • बताया-किस लिए जरुरी था अजित का साथ
  • भिवंडी में आयोजित प्रदेश भाजपा की महाविजय अभियान 2024 की बैठक को किया संबोधित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार में राकांपा (अजित गुट) को शामिल करने के फैसले को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सही ठहराते हुए कहा कि इतिहास काल में समुद्र मंथन के समय अमृत और विष दोनों निकला था। हमें विष नहीं पीना है। मगर साल 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महाविजय के लिए कड़वी दवा लेने के लिए तैयार रहना होगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ भावनात्मक गठबंधन है, जबकि राकांपा (अजित गुट) के साथ राजनीतिक गठबंधन है। शायद अगले 10 से 15 साल बाद राकांपा (अजित गुट) के साथ भी भावनात्मक गठबंधन हो जाए।

फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस और एमआईएम जैसे तुष्टीकरण करने वाले दल को छोड़कर सभी दलों के नेताओं के लिए भाजपा के दरवाजे खुले हैं। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री ने भिवंडी में आयोजित प्रदेश भाजपा की महाविजय अभियान 2024 की बैठक को संबोधित किया। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, पार्टी के मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का फैसला अधर्म नहीं, धर्म है। यह अधर्म नहीं, बल्कि कूटनीति है। जब-जब बेईमानी होगी, तब-तब कूटनीति का इस्तेमाल करना होगा। फडणवीस ने कहा कि कई लोग भाजपा की नैतिकता पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन नैतिकता के आधार पर राजनीति करने के लिए प्रासंगिक रहना पड़ता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) की सरकार थी। लेकिन अब राकांपा (अजित गुट) के रूप में नया सहयोगी मिला है। राकांपा (अजित गुट) को लेकर भाजपा के पदाधिकारियों और नेताओं के मन में खुशी, कौतूहल के साथ सवाल भी है। लेकिन हमें दूर की सोच (आगामी चुनाव) को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए। इसके लिए सयंम और विश्वास रखने की आवश्यकता है। यदि पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का नेतृत्व पर विश्वास होता है, तो रणनीति सही साबित होती है।

उद्धव के कसम खाने पर किया कटाक्ष

उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे काफी दुख है कि उद्धव ने वाशिम के पोहरादेवी मंदिर में जाकर झूठी कसम खाई, पर मुझे विश्वास है कि उन्होंने मन में पोहरादेवी से माफी मांग ली होगी। उन्होंने पोहरादेवी से कहा होगा कि मुझे राजनीति के लिए झूठी कसम खानी है। इसलिए मुझे माफ कर दीजिए। मुझे विश्वास है कि पोहरादेवी उन्हें माफ कर देंगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे के समय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उद्धव को स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री पद देने से मना कर दिया था। फडणवीस ने कहा कि उद्धव ने मुझे "नागपुर के लिए कलंक’ कहा। लगता है उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसलिए मैंने उनकी टिप्पणी पर कोई जवाब नहीं दिया है।

मुझे उद्धव की पत्नी के सामने मीडिया का बयान बोलकर सुनाना पड़ा था- फडणवीस

फडणवीसने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर फैसला लेने के लिए मातोश्री में बैठक हुई थी। इस बैठक में अमित शाह मौजूद थे। बैठक में तय हुआ कि मीडिया के सामने भाजपा और शिवसेना (अविभाजित) गठबंधन की घोषणा करेंगे, जिसमें मुझे मीडिया के सामने गठबंधन की घोषणा करने की जिम्मेदारी दी गई। फिर मैं मीडिया के सामने क्या बोलूंगा। इसका पूर्वाभ्यास मातोश्री में हुआ, जिसमें मैंने मराठी और फिर हिंदी में बोलकर दिखाया। इसके बाद रश्मि ठाकरे (उद्धव ठाकरे की पत्नी) बैठक में आईं। इसके बाद उद्धव ने मुझे कहा कि आप रश्मि के सामने बोलकर दिखाएं। इसके बाद मैंने रश्मि के सामने मीडिया को दिए जाने वाला पूरा बयान बोलकर दिखाया।

Created On :   13 July 2023 9:17 PM IST

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