नागपुर: शीतकालीन अधिवेशन में आंगनवाड़ी सेविकाएं करेंगी आंदोलन

शीतकालीन अधिवेशन में आंगनवाड़ी सेविकाएं करेंगी आंदोलन
  • शीतकालीन अधिवेशन
  • आंगनवाड़ी सेविकाएं करेंगी आंदोलन
  • विधान भवन में तैयार हुआ फूड कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर की आंगनवाड़ी सेविकाओं की ओर से लंबे समय से विभिन्न मांगों को लेकर समय- समय पर आंदोलन किए जाते रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी प्रमुख मांगों को लेकर शासन की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो पाई है। इस बार भी शीतकालीन अधिवेशन में आंगनवाड़ी सेविकाएं और उनकी सहयोगी ठिया आंदोलन करने की तैयारी में है। आगामी 11 दिसंबर से मांगें पूरी नहीं होने तक आंगनवाड़ी सेविकाओं की ओर से ठिया आंदोलन किया जाएगा। इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी कर्मचारी सभा महाराष्ट्र की ओर से विविध मांगों को लेकर पाटणकर चौक स्थित बाल विकास उपायुक्तालय के सामने सड़क पर सोमवार को आंगनवाड़ी सेविकाओं की ओर से धरना आंदोलन शुरू किया गया है। आंगनवाड़ी सेविकाएं 4 दिसंबर से हड़ताल पर चली गई हैं। उनकी प्रमुख मांगें हैं आंगनवाड़ी सेविकाओं व उनकी सहयोगी सेविकाओं का मानधन बढ़ाया जाए या वेतन लागू किया जाए, महिला व बाल विकास मंत्री से चर्चा के अनुसार बिना योगदान मासिक निर्वाह भत्ता (पेंशन) सेवा समाप्ति के बाद देने के प्रस्ताव को मंजूरी देने, शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने, भाऊबीज मानधन का अाधा देने, मोबाइल खरीदने के लिए सेविकाओं के खाते में पैसे जमा करने सहित अन्य मांगों का समावेश है। आंगनवाड़ी सेविकाओं का आंदोलन बुधवार तक चलेगा। सोमवार को धरना आंदोलन में संगठन की अध्यक्ष माया ढाकणे, मुख्य सचिव उज्ज्वला नारनावरे, मनीषा मुघाटे, ज्योति देशभ्रतार, जयश्री लोखंडे, कांचन काले, प्रीति गजभिये, रागिणी भांगे, माधुरी फुलझले, वनिता ढवले, शुभांगी गोरे, कविता साखरकर, प्रतिभा रामटेके सहित अन्य आंगनवाडी सेविकाएं और सहयोगी सेविकाएं शामिल थीं।

विधान भवन में तैयार हुआ फूड कोर्ट

विधान भवन परिसर में खान-पान के स्टाल, कैंटीन व ज्यूस सेंटर अलग-अलग स्थानों पर होने से आवाजाही की परेशानी होती थी। खान-पान, झुनका भाकर, भोजन व ज्यूस संेटर एक ही जगह हो, इस संकल्पना पर काम होते हुए फूड कोर्ट तैयार हुआ। शीतकालीन अधिवेशन के पहले दिन 7 दिसंबर से फूड कोर्ट लोगों की सेवा में उपलब्ध रहेगा। खान-पान के स्टाल अलग-अलग जगह रहने से कई बार मंत्री, नेता प्रतिपक्ष व विधायकों को परिसर में आवाजाही करने में परेशानी होती थी। इस समस्या को देखते हुए सभी स्टाल एक जगह तैयार किए गए। इसे फूड कोर्ट नाम दिया गया है। भाजपा कार्यालय से सटकर इसे बनाया गया आैर जिस जगह फूड कोर्ट बनाया गया है, वहां आवाजाही कम होने के साथ ही खुली जगह भी पर्याप्त है।

Created On :   5 Dec 2023 5:41 PM IST

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