केंद्र सरकार ने मुंबई के एनआईटीआईई को आईआईएम को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने मुंबई के एनआईटीआईई को आईआईएम को दी मंजूरी
  • विद्यार्थियों और उद्योगों को मिलेगा फायदा
  • संसद के आगामी सत्र में सदन में भी दे दी जाएगी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पवई में स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान (एनआईटीआईई) को देश के 21वें आईआईएम का दर्जा देने के केंद्र सरकार के फैसले का मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने स्वागत किया है। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में शेलार ने कहा कि मैं मुंबई भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पूरी केंद्र सरकार को मुंबईकरों की ओर से धन्यवाद देता हूं। यह कई वर्षों पुरानी मांग थी, जो कांग्रेस के 65 साल के कार्यकाल में पूरी नहीं हो पाई।

देश को मिलेगा 21वां आईआईएम

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के विद्यार्थियों, उद्योगों की इच्छा प्रधानमंत्री ने पूरी की और उन्होंने नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजिनियरिंग (एनआईटीआईई) को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) की मान्यता देकर मुंबईकरों की बड़ी सेवा की है। कैबिनेट में मंजूरी के बाद संसद के आगामी सत्र में सदन में भी मंजूरी दे दी जाएगी। इसके बाद एनआईटीआईई देश के 21वें आईआईएम के तौर पर काम करेगी। एनआईटीआईई को आईआईएम की मान्यता मिलने के चलते मुंबई और आस-पास के इलाके के उद्योगों, उद्योगपतियों, स्टार्टअप, मैनेजमेंट गुरु और विद्यार्थियों को दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं होगी।

एमबीए की 350 सीटें उपलब्ध होंगी

शेलार ने कहा कि जिस आईआईएम की पूरी दुनिया में धाक है, वह मुंबई में शुरू होगी। इस संस्थान में एमबीए की 350 सीटें उपलब्ध होंगी। शेलार ने सवाल किया कि मुंबई को मिले इस तोहफे पर विपक्षियों ने चुप्पी क्यों साध रखी है। शेलार ने कहा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा सोमवार से मुंबई के सभी महाविद्यालयों में विद्यार्थियों और युवकों से संपर्क करेगी और उन्हें सच्चाई से अवगत कराएगी। पार्टी की ओर से ‘एक सही भविष्य के लिए’ नाम का अभियान शुरू किया जा रहा है, जिसमें विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्हें यह भी बताया जाएगा कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते किस तरह शहरी बेरोजगारी दूर हो रही है।

50 साल पहले हुई थी स्थापना

राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरिंग संस्थान की स्थापना साल 1963 में केंद्र सरकार ने यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम और इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की मदद से स्थापना की थी। संस्थान प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल के तौर पर पहचाना जाता है। इस साल एनआईआरएफ रैंकिंग में एनआईटीआईई ने सातवां स्थान हासिल किया है। एनआईटीआईई, आईआईटी पवई के पास 67 एकड़ में फैला हुआ है।

2007 में मनमोहन सिंह ने भरी थी हामी

एनआईटीआईई को आईआईएम का दर्जा देने का सुझाव उद्योगपति आनंद महिंद्रा और एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने साल 2007 में दिया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर विचार का आश्वासन दिया था लेकिन कई वर्षों तक कोई कदम नहीं उठाया गया। पिछले साल नवंबर महीने में इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई। रिपोर्ट के आधार पर 12 जुलाई को केंद्रीय कैबिनेट ने इसे हरी झंडी दिखाई। 20 जुलाई से 11 अगस्त के बीच होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान इसे संसद की मंजूरी मिल सकती है।

Created On :   16 July 2023 7:36 PM IST

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