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Nagpur News: मस्तिष्क स्वस्थ रखने का मंत्र नींद, आहार व व्यायाम - डॉ. देसाई
- बीमारियों से दूर रखने मस्तिष्क का स्वस्थ होना जरुरी
- विश्व मस्तिष्क सप्ताह अवसर पर विशेषज्ञों का सुझाव
Nagpur News मस्तिष्क को स्वस्थ रखना हो तो उसका एक ही मूल मंत्र है, नींद, आहार व व्यायाम। मस्तिष्क स्वस्थ रहेगा तो व्यक्ति बीमारियों से दूर रहेगा। ऐसा मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ. जॉय देसाई ने कहा। विश्व मस्तिष्क सप्ताह के अवसर पर न्यूराे सोसायटी नागपुर द्वारा आयोजित ‘सभी उम्र के लोगों के लिए मस्तिष्क स्वास्थ्य’ कार्यक्रम में डॉ. देसाई ने कहा कि आधुनिक जीवनशैली, बदलती दिनचर्या, अनियंत्रित खानपान से लगातार नींद की गुणवत्ता खराब हो रही है। इससे मस्तिष्क स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है। परिणामस्वरुप व्यक्ति को विविध बीमारियां घेर रही है। उन्होंने कहा कि नींद के दौरान सक्रिय रहने वाली ग्लिम्फैटिक प्रणाली मस्तिष्क से हानिकारक प्रोटीन हटाती है। यह प्रणाली केवल नींद के दौरान ही सक्रिय रहती है। स्मरण शक्ति को बढ़ावा, ऊर्जा व कार्यक्षमता काे बढ़ावा, भावनात्मक संतुलन, रचनात्मकता, रक्तचाप का संतुलन, इंसुलिन संवेदनशीलता और मोटापे पर नियंत्रण आदि में पर्याप्त नींद से ही मदद मिलती है। अनियमित नींद से डिमेंशिया, पार्किन्सन, डिप्रेशन जैसी बीमारियां होती है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य के छह आधार स्तंभ : पद्मश्री डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने बताया कि मस्तिष्क स्वास्थ्य के छह प्रमुख आधार स्तंभ हैं। इसमें शांत व पर्याप्त नींद, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन, सामाजिक संपर्क, और बुरी आदतों से दूरी का समावेश है। इससे मस्तिष्क स्वस्थ रहेगा व बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।वर्ल्ड फेडरेशन फॉर न्यूरोरिहैबिलिटेशन के महासचिव डॉ. निर्मल सूर्या ने कहा कि सप्ताह में कम से कम 5 दिन तक 30-40 मिनट नियमित व्यायाम मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। शब्द पहेलियां सुलझाना, नई भाषा सीखना, लेखन, पढ़ाई, चित्रकला, यात्रा और फिल्में जैसे रचनात्मक शौक मानसिक रुप से स्वस्थ रखते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी दिनचर्या का कुल 30 फीसदी वक्त अपने शौक, रुचियां और परिवार को देना चाहिए।
अत्याधिक मोबाइल का उपयोग हानिकारक : मनोचिकित्सक डॉ. सुधीर भावे ने कहा कि अत्यधिक मोबाइल उपयोग से बच्चों और वयस्कों में नींद की कमी, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द और आदतें बिगड़ने की समस्याएं पैदा हो रही हैं। तनाव कम करने के लिए ध्यान, योग और सकारात्मक सोच जरूरी हैं। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. ध्रुव बत्रा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार किसी भी मात्रा में शराब स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है। उन्होंने तंबाकू, धूम्रपान और नशे से पूरी तरह दूर रहने का आग्रह किया। मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए
डायबिटीज, हाई बीपी और वजन नियंत्रित रखना अनिवार्य है। ‘सभी उम्र के लिए मस्तिष्क स्वास्थ्य’ थीम पर जोर दिया गया। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी के महासचिव प्रो. स्टीवन लुईस और इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की अध्यक्ष डॉ. संगीता रावत ने विषय महत्व पर जानकारी दी। अध्यक्ष डॉ. वुल्फगांग ग्रिसोल्ड का वीडियो संदेश सुनाया गया। नागपुर न्यूरो सोसायटी के सचिव डॉ. पवित्र पटनायक ने आभार प्रदर्शन किया।
Created On :   26 July 2025 7:02 PM IST