- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- सरकारी महिला छात्रावास में दुष्कर्म...
Nagpur News: सरकारी महिला छात्रावास में दुष्कर्म का प्रयास और छेड़छाड़, शोर मचाने पर भागे

- शोर मचाने पर आरोपी मोबाइल फोन लेकर भागे
- पुलिस और वार्डन पर गंभीर लापरवाही के आरोप
- वंचित बहुजन आघाड़ी ने लगाए गंभीर आरोप
Nagpur News. एमआईडीसी थानांतर्गत सरकारी महिला छात्रावास में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दो आरोपियों ने छात्रावास में एक कमरे में घुसकर छात्रा से दुष्कर्म का प्रयास किया। पीड़िता के शोर मचाने पर उससे मोबाइल फोन छीनकर भाग निकले। घटना आईसी चौक हिंगना रोड, लोकमान्यनगर, एमआईडीसी स्थित गायत्री प्लाजा की है। यहां इतर मागास बहुजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित इतर मागासवर्गीय मुलींचे शासकीय वस्तीगृह (महिला छात्रावास) है। घटना सोमवार तड़के करीब 3 बजे के दरमियान हुई।
वंचित बहुजन आघाड़ी ने लगाए गंभीर आरोप
इस प्रकरण ने छात्रावास की सुरक्षा व्यवस्था की चूक को उजागर कर दिया है। वंचित बहुजन आघाड़ी संगठन के पास बात पहुंची तो मामला सामने आ गया। पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्र कुमार सिंगल से संगठन ने एसआईटी गठित करने व एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। पुलिस और छात्रावास के वार्डन पर भी गंभीर लापरवाही बरतने आरोप लगाया जा रहा है। उक्त संगठन ने एमआईडीसी थाने का घेराव कर ज्ञापन भी दिया है।
भगवान भरोसे सुरक्षा
बताया जाता है कि उक्त छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं। घटना के समय कोई सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं था। चर्चा यह भी जिस जगह से दोनों आरोपी ऊपर कमरे में पहुंचे थे, वहां पर गेट में ताला भी नहीं लगा था।
केस दर्ज करने से इनकार
आरोप है कि घटना की जानकारी देने के बाद भी वार्डन ने पुलिस को तुरंत सूचित करने की बजाय जान-बूझकर देरी की। बाद में एमआईडीसी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके चलते सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है।
पहले भी ऐसे मामले
चर्चा है कि छात्राओं द्वारा पूर्व में भी मनचलों की शिकायतें की गई थीं, परंतु नजरअंदाज कर दिया गया। वंचित बहुजन आघाड़ी नागपुर शहर इकाई ने सभी सरकारी महिला छात्रावासों में दो सप्ताह के अंदर सीसीटीवी, महिला सुरक्षा रक्षक और ताले की व्यवस्था करने की मांग की है। उक्त मामले में 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने की चेतावनी के साथ संगठन ने कहा कि यदि इस प्रकरण में त्वरित व कठोर कार्रवाई नहीं होती, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को बाध्य होंगे।
Created On :   24 July 2025 2:11 PM IST