- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- पारशिवनी के पास फिर बाघ ने किया...
Nagpur News: पारशिवनी के पास फिर बाघ ने किया किसान का शिकार ,लगातार बढ़ रहे मामले

- इस साल का चौथा मामला
- दहशत के चलते घर से निकलने घबरा रहे लोग
Nagpur News रामटेक क्षेत्र के पारशिवनी तहसील में एक बार फिर बाघ के हमले में किसान की जान चली गई। यह इस साल की चौथी ऐसी घटना है, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। हेटीखेड़ा निवासी दिनेश खंडाते (35) शुक्रवार दोपहर अपने खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान उनका एक बैल गायब हो गया। उसे ढूंढने के लिए वे सालई गांव के पास जंगल में गए। देर शाम तक घर न लौटने पर परिजनों ने वन विभाग को सूचना दी।
रात 8-9 बजे वन विभाग की टीम ने कक्ष क्रमांक 239 के संरक्षित वन क्षेत्र में दिनेश का शव क्षत-विक्षत हालत में पाया। जांच में बाघ के हमले की पुष्टि हुई। वन विभाग ने शव को पारशिवनी के ग्रामीण अस्पताल भेजा और परिजनों को तत्काल 10 लाख रुपये का मुआवजा चेक सौंपा। घटनास्थल पर कैमरे लगाकर जांच शुरू कर दी गई है। इससे पहले भी पारशिवनी तहसील में बाघ के हमले में रवि कवडू कालसर्प (42), निवासी उरवाडा, की मौत हो चुकी है। यह इस साल की तीसरी घटना थी। आमडी, आंबाझरी, आमगांव, आवळेघाट, बाबुरवाडा, बछेरा, बाखरी, बाणेरा और पालोरा जैसे गांवों में बाघों की आवाजाही आम है, जिससे ग्रामीणों में भय बढ़ रहा है।
सावधानी जरूरी : बारिश के मौसम में जंगल में झाड़ियाँ बढ़ने से दृश्यता कम हो जाती है, जिससे बाघ का पता लगाना मुश्किल होता है। फिर भी, कई किसान लापरवाही से जंगल के पास जाते हैं। सूत्रों के अनुसार, दिनेश संभवतः मशरूम तोड़ने जंगल गए थे, जब बाघ ने उन पर हमला किया। ग्रामीणों से अपील है कि वे जंगल क्षेत्र में सतर्कता बरतें।
प्रादेशिक जंगलों में बाघों की बढ़ती मौजूदगी : नागपुर जिले में दो प्रकार के जंगल हैं: वन्यजीव क्षेत्र और प्रादेशिक जंगल। वन्यजीव क्षेत्र में वन्यप्राणियों का बसेरा होता है, जबकि प्रादेशिक जंगल जंगल से सटे आरक्षित क्षेत्र हैं, जहां आमतौर पर शाकाहारी वन्यजीव देखे जाते हैं। पहले प्रादेशिक जंगलों में बाघों की मौजूदगी कम थी, लेकिन बाघों की बढ़ती आबादी और जंगलों के सिकुड़ने के कारण अब ये प्रादेशिक क्षेत्रों में भी दिखाई देने लगे हैं। जानकारों की माने तो एक बाघिन को 25 किमी वही एक बाघ को करीब 100 किमी का दायरा लगता है। लेकिन जंगलों में बाघों को क्षेत्र बनाने में दिक्कत आ रही है। परिणामस्वरुप यह बाघ इंसानी इलाकों में अपने क्षेत्र बनाने के लिए पहुंच रहे हैं। जोकि मानद-वन्यजीव का कारण बन रहा है।
Created On :   26 July 2025 6:24 PM IST