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महाराजबाग: बाढ़ में 15 हिरणों की मौत मामले में सेंट्रल जू अथॉरिटी की टीम आ सकती है नागपुर
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों में कहीं कोई हलचल नहीं
- सेंट्रल जू अथॉरिटी की टीम आ सकती है नागपुर
डिजिटल डेस्क, नागपुर. विदर्भ के एकमात्र महाराजबाग प्राणी संग्रहालय में गत 22-23 सितंबर की दरमियानी रात में बाढ़ में 15 हिरणों की मौत हो गई थी, जिसमें 11 ब्लैक बक थे। स्थानीय प्रशासन के गलियारे में खबर को लेकर चर्चाएं हो रही हैं, मगर कोई भी अधिकारी आगे आने को तैयार नहीं। यही स्थिति जिला प्रशासनिक अधिकारियों की भी है। चर्च है कि यह चुप्पी महाराजबाग से गायब होने वाले मगरमच्छों के बच्चों की तरह इस मामले को भी ठंडे बस्ते में चुपचाप डालने वाली है।
यह ‘खामोशी’ कचोट रही है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले की दिल्ली स्थित सीजेडए (सेंट्रल जू अथॉरिटी) के कार्यालय तक गूंज पहुंची है। अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही सीजेडए की टीम नागपुर आ सकती है। इसके पहले भी इस प्राणी संग्रहालय से मगरमच्छों के गायब होने का मामला सामने आया था, तब भी महाराजबाग के अधिकारियों की लापरवाही को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई थी। हिरणों के मामले में भी शहर के किसी भी स्थानीय नेता, विधायक, सांसद यहां तक कि केंद्रीय विभाग के अधिकारियों ने अबी तक महाराजबाग के अधिकारी-कर्मचारियों से कोई पूछताछ नहीं की है।
मगरमच्छों के बच्चों के मामले को भी किया था उजागर : दैनिक भास्कर इसके पहले भी महाराजबाग प्राणी संग्रहालय से मगरमच्छ के 7 बच्चों के गायब होने के मामले को उजागर कर चुका है। उस दौरान भी महराजबाग के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं हुई थी। उस दौरान भी पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि वर्ष 2019 में तेज बारिश में लबालब हुए महाराजबाग परिसर से जब पानी उतरा था, तो मगरमच्छ के 7 बच्चों में से 3 मर चुके थे और 4 पानी में बह गए थे। जू प्रशासन ने पूरी घटना को छिपाते हुए मरे हुए 3 मगरमच्छ का पोस्टमार्टम कर उन्हें जमीन में गाड़ दिया और कागजी खानापूर्ति कर चुप्पी साध ली थी। उस दौरान कायदे से 4 बचे हुए मगरमच्छ की तलाश करनी चाहिए थी, जो नहीं की गई थी। इस पूरे मामले में महाराजबाग जू प्रशासन की कार्यप्रणाली और यहां रह रहे वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए थे।
वन विभाग की टीम भी उस समय जानकारी नहीं दे पाई थी। उस दौरान भी विभाग ने जैसे ही देखा कि मगरमच्छ के 3 बच्चे मरे हुए हैं, तो परिसर में लोगों की एंट्री बंद कर दी गई थी। चर्चा यह भी है कि प्राणियों की देखभाल पर पहले भी आपत्ति महाराजबाग में रखे गए वन्यप्राणियों की स्थिति पर कई बार सवाल उठे थे। यहां तक कि सेंट्रल जू अथॉरिटी ने महाराजबाग की मान्यता रद्द कर दी थी। उन्हें यहां रखे गए वन्य प्राणियों की देखभाल पर आपत्ति थी।
Created On :   26 Nov 2023 3:17 PM IST