नागपुर: गोरेवाड़ा जू की फेंसिंग में लगाया जाएगा हल्का करंट

गोरेवाड़ा जू की फेंसिंग में लगाया जाएगा हल्का करंट
  • सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
  • फेंसिंग में लगाया जाएगा हल्का करंट
  • दो बार बाहर का तेंदुआ घुसा भीतर

डिजिटल डेस्क, नागपुर. अब गोरेवाड़ा जू की फेंसिंग में हल्का करंट लगाया जाने वाला है। बार-बार बाहर के वन्यजीव भीतर आने से इसकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है। जिसके बाद प्रशासन की ओर से एनक्लोजर की फेंसिंग में करंट लगाने की तैयारी की जा रही है, ताकि बाहर से कोई भी वन्यजीव इस फेंसिंग पर चढ़ना चाहे, तो करंट के झटके उसे इस पर चढने नहीं देंगे। हालांकि, इसके झटके इतने घातक नहीं रहेंगे कि, किसी वन्यजीव की जान जाए।

बाहर के लेपर्ड अंदर घुस आते हैं

बालासाहेब ठाकरे अंतराराष्ट्रीय गोरेवाड़ा जू पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां पर बड़े एनक्लोजर में वन्यजीवों को रखते हुए पर्यटकों को बस, कैंडर के माध्यम से घुमाया जाता है। वर्तमान में यहां चार सफारी तैयार की हैं। जिसमें एक बाघ सफारी, भालू सफारी, शाकाहारी वन्यजीवों की सफारी के साथ लेपर्ड सफारी है। इन चारों सफारी के वन्यजीव स्वतंत्र रूप से रहते हैं। फेंसिंग इस तरह बनाई है कि, सफारी के वन्यजीव आपस में मिक्स नहीं हो सकते हैं। वही इनकी ऊंचाई भी इस तरह है कि, भीतर से कोई भी वन्यजीव बाहर नहीं जा सकता है। लेपर्ड सफारी का भी यही हाल है, लेकिन गोरेवाड़ा क्षेत्र में काफी ज्यादा लेपर्ड हैं, जो फेंसिंग के बाहर घूमते हैं। वह भीतर रहने वाले लेपर्ड से आकर्षित होकर भीतर आने की कोशिश करते हैं, जिसमें वह कई बार कामयाब भी हो जाते हैं। बाहर से भीतर आना उनके लिए संभव हो जाता है, लेकिन एक बार अंदर आने के बाद फैन्सिक ऊंचाई से नीचे की ओर नुकीले तारों से झुकी हुई है। ऐसे में वह बाहर नहीं निकल पाते हैं।

दो दिन तक शेल्टर से बाहर नहीं निकाले तेंदुए : वर्तमान में गोरेवाड़ा के तेंदुए की सफारी में कुल 6 तेंदुए हैं, जिसमें 4 फीमेल व 2 मेल हैं। इसमें 3 बच्चे भी हैं। इनके लिए एक शेल्टर बनाया गया है, जहां रात को सभी तेंदुए आकर रूकते हैं, उन्हे खाना भी यही दिया जाता है। सुबह होने पर यह यहां से निकल कर सफारी में घूमते हैं और पर्यटकों को यह नजर आते हैं, लेकिन बाहर का तेंदुआ भीतर आने की भनक प्रशासन को लगते ही सभी को दो दिन शेल्टर में ही रखा गया। शुक्रवार की रात को बाहर से आया तेंदुआ पकड़ में आने के बाद शनिवार को उसे सफारी में छोड़ा गया।

तेंदुओं पर अटैक करते हैं

सफारी के अंदर रहने वाले तेंदुओं को प्रशासन की ओर से शेल्टर में खाना मिलता है, लेकिन बाहर से आने वाले तेंदुए को यहां शिकार भी नहीं मिलता है। ऐसे में वह भीतर रहने वाले तेंदुओं पर ही अटैक करता है। गत चार माह पहले भी यहां इसी तरह एक बाहर से आए तेंदुए ने रानी नाम की मादा तेंदुए को मार दिया था और खाया भी था। इसे पकड़ने के बाद से कोई ऐसी घटना नहीं होने से प्रशासन सुस्त था, लेकिन हाल ही में एक ओर तेंदुआ सफारी के भीतर घुस गया था, जिसे पकड़ने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस घटना के बाद अब प्रशासन ने इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए फेंसिंग को करंट लगाने का निर्णय लिया है। जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

Created On :   19 Nov 2023 7:16 PM IST

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