नागपुर: महानगरपालिका काे करोड़ों रुपए शुल्क की चपत, हजार से ज्यादा मोबाइल टॉवर अनधिकृत

महानगरपालिका काे करोड़ों रुपए शुल्क की चपत, हजार से ज्यादा मोबाइल टॉवर अनधिकृत
  • 1018 मोबाइल टॉवर अनधिकृत
  • करोड़ों रुपए शुल्क की चपत

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मोबाइल कंपनियाें ने शहर में नेटवर्क का जाल बिछाया है। नेटवर्क बढ़ाने के लिए मोबाइल कंपनियों ने जगह-जगह टावॅर खड़े किए। शहर में विविध कंपनियों के 1,118 टॉवर हैं, जिसमें से सिर्फ 100 टॉवर का मनपा को शुल्क भरा जा रहा है। 1,018 टॉवर अनधिकृत हैं। संबंधित मोबाइल कंपनियों को नोटिस जारी करने पर भी शुल्क नहीं भरने से मनपा को करोड़ों रुपए की चपत लगने की जानकारी सामने आई है। 5 मोबाइल टॉवर खड़ा करने के लिए मनपा से अनुमति लेनी पड़ती है। मनपा 5 साल के लिए प्रति टॉवर 1.10 लाख रुपए शुल्क वसूल करती है। शहर में मनपा की बिना अनुमति के धड़ल्ले से मोबाइल टाॅवर खड़े किए गए। केंद्र सरकार की नीति के कारण मनपा अवैध टॉवर पर कानूनी कार्रवाई नहीं कर पा रही है। मोबाइल कंपनियों को शुल्क भरने के लिए नोटिस जारी किए गए, लेकिन मोबाइल कंपनियों का नोटिस को प्रतिसाद नहीं मिल रहा है।

सड़क, बिजली, पानी नहीं, वहां भी नेटवर्क

शहर की कई बस्तियां हैं, जहां आज भी सड़क, बिजली, पानी नहीं पहुंचा। वहां भी मोबाइल नेटवर्क मिलता है। मोबाइल कंपनियों पर मनपा का नियंत्रण नहीं रहने से पॉश इलाकों के साथ ही झोपड़पट्टियों में भी मोबाइल टॉवर खड़े किए गए हैं।

मोबाइल कंपनियों ने ली न्यायालय की शरण : राज्य सरकार ने साल 2012 में मोबाइल टॉवर के संबंध में नीति तय करने का निर्णय लिया था। मोबाइल कंपनियों ने इसके विरोध में न्यायालय की शरण ली। न्यायालय ने नीति निर्धारण करने का आदेश दिया, लेकिन सरकार अभी तक नीति नहीं बना पाई है।

पर्यावरण को खतरा : मोबाइल टॉवर के संबंध में ठोस नीति नहीं बनने से कंपनियों ने धड़ल्ले से मोबाइल टॉवर खड़े किए। टॉवर से निकलने वाली नेटवर्क की तरंगों से पर्यावरण को खतरा बना हुआ है। टॉवर खड़ा करने के लिए इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट भी नहीं करने की गंभीर जानकारी सामने आई है।

कंपनियों के बीच गलाकाट स्पर्धा : शहर में एयरटेल, आईडिया, वोडाफोन, बीएसएनएल, जीओ आदि मोबाइल कंपनियों के टॉवर हैं। इन कंपनियों के बीच गलाकाट स्पर्धा है। उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा देने के लिए फ्रिक्वेंसी बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती। नियम के अनुसार 0.4 मिलीवैट प्रति वर्ग सेंटीमीटर रेंज अपेक्षित है। उसे 4.6 मिलीवैट तक बढ़ाई जाती है। आसमान में बादल छाए रहने पर रेंज की समस्या सुलझाने 6 मिलीवैट तक बढ़ाई जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक बताई जाती है।

Created On :   5 Dec 2023 6:31 PM IST

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