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Nagpur News: फैशन नहीं फीलिंग है यार....बोले तो - टैबू से ट्रेंड तक युवाओं का बदलता नजरिया

- स्किन सेफ्टी का ध्यान रखना जरूरी
- युवा दिलों की आवाज
- बदलता ट्रेंड लुक और दौर
Nagpur News. टैटू बनवाना अब फैशन नहीं, फीलिंग भी माना जाता है। टैबू से ट्रेंड तक युवाओं का बदलता नजरिया नई तकनीक की मदद से उनके हावभाव भी दिखाने लगा है। खासकर युवाओं में यह काफी आम हो गया है। कूल दिखाने के लिए लोग अपने शरीर पर कई डिजाइनों वाले टैटू को बनवाते हैं। जिम करने वाले युवा तो अपने हाथों से लेकर कंधों तक पर इसको बना लेते हैं। ऐसे में अगर आप भी टैटू बनवाने वाले हैं और कुछ नए और ट्रेंडी डिजाइन की तलाश में हैं, तो यह खास आप ट्राय कर सकते हैं।

गलियों, कॉलेज कैंपस और युवा ग्रुप में टैटू बनवाना आम बात हो गई है। नाम और सिंबल से आगे बढ़कर टैटू कलात्मक चित्रों का रूप ले चुका है। युवा पारंपरिक सोच को पीछे छोड़ते हुए टैटू को गर्व से प्रदर्शित कर रहे हैं। यह उनके जीवन की किसी कहानी, इमोशन या सोच को दर्शाता है। टैटू फैशन तक सीमित नहीं है, बल्कि फीलिंग भी है।
इंक्ड आइडेंटिटी : मिलेनियल्स और जनरेशन जेड के लिए टैटू उनकी "इंक्ड आइडेंटिटी' है। यानी वह पहचान, जो वे दुनिया को दिखाना चाहते हैं। कोई अपने माता-पिता के नाम का टैटू बनवाता है, कोई मोटिवेशनल कोटेशन, तो कोई धर्म या अध्यात्म से जुड़ा प्रतीक। टैटू लवर दीपाली धुर्वे कहती हैं, "मेरे टैटू में मेरा सफर है, दर्द भी, हिम्मत भी और उम्मीद भी है।' आज का युवा अपनी भावनाओं को शब्दों की जगह ह्वाइट और ब्लैक कलर से व्यक्त कर रहा है।

कला और टेक्नोलॉजी का मेल धरमपेठ, रामदास पेठ, लक्ष्मी नगर, हुड़केश्वर जैसे इलाकों में उभरते टैटू स्टूडियो अब कला के नए केंद्र बन गए हैं। ब्लैक इंक स्टूडियो, डायनामिक टैटू आर्टिस्ट और इंक हाउस नागपुर जैसे प्रोफेशनल स्पेस डिजाइन, स्टरलाइजेशन और कस्टमाइजेशन पर विशेष ध्यान देते हैं। कुछ स्टूडियो डिजिटल प्रीव्यू की सुविधा भी देते हैं, जिससे ग्राहक को पहले से अंदाजा हो सके। टैटू आर्टिस्ट रितिक दरोडे कहते हैं कि टैटू बनाना अब केवल स्किन पर रंग भरना नहीं, बल्कि उसकी आत्मा को पहचानना है।

युवा दिलों की आवाज
युवा पीढ़ी अब टैटू को महज सजावट नहीं, एक फीलिंग के रूप में देखती है। यह फैशन की लहर तक सीमित नहीं है, व्यक्तिगत विचारों, अनुभवों और स्मृतियों का स्थायी प्रतीक है। बदलते दौर में टैटू कल्चर युवा दिलों की आवाज बन चुका है। यह आवाज रेखाओं और रंगों में ढल रही है। टैटू की इंक आत्मा पर छप रही है।
स्किन सेफ्टी का ध्यान रखना जरूरी
टैटू बनवाना जितना रोमांचक है, उतना ही जरूरी है उसकी साफ-सफाई और देखभाल। गलत इंक, गंदगी, सस्ते स्टूडियो और रोड साइड आर्टिस्ट स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मेडिकल के स्किन एक्सपर्ट डॉ. जयेश मुखर्जी कहते हैं कि बिना पैच टेस्ट के टैटू बनवाना जोखिम भरा हो सकता है। एलर्जी, इन्फेक्शन या दाग हो सकते हैं। टैटू बनवाते समय एक बार इस्तेमाल होने वाली सुई, प्रशिक्षित आर्टिस्ट और एंटीबायोटिक क्रीम का उपयोग करना जरूरी है। टैटू बनवाने के 6 महीने तक ब्लड डोनेट करने से परहेज करना चाहिए।
Created On :   24 Jun 2025 8:45 PM IST