Nagpur News: बच्चों में दिख रही डिजिटल जागरूकता - सावधान@नागपुर बन रहा सतर्कता का उदाहरण

बच्चों में दिख रही डिजिटल जागरूकता - सावधान@नागपुर बन रहा सतर्कता का उदाहरण
  • सोशल मीडिया है साइकोलॉजिकल जाल
  • मेमोरी पावर टेक्निक अपनाने की जरूरत

Nagpur News. टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। ऐसे में उससे जुड़ी सुरक्षा को लेकर जागरूकता की जरूरत है। इसी सोच के साथ दैनिक भास्कर ने ‘सावधान@नागपुर’ अंतर्गत दिल्ली पब्लिक स्कूल, कामठी में एक साइबर अवेयरनेस सेशन का आयोजन किया। यहां बच्चों ने न केवल उत्साह से भाग लिया, बल्कि साइबर सुरक्षा पर अपनी समझ और सतर्कता से सबका ध्यान खींचा। सेशन में साइबर एक्सपर्ट्स ने बच्चों को जागरूक किया। इसमें नागपुर पुलिस का सहयोग रहा। इस दौरान सुधीर एंड स्मृति फाउंडेशन के डायरेक्टर सुधीर चहांदे उपस्थित थे।

सतर्क रहें, सजग बनें

नागपुर पुलिस साइबर टेक्निकल की मेंबर श्रद्धा ढोमणे ने बच्चों को आगाह किया कि सोशल मीडिया पर निजी जानकारी शेयर करना एक गंभीर खतरा बन सकता है। डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन और फर्जी पुलिस कॉल जैसे मामले बढ़ रहे हैं। इससे बचने के लिए चक्षु पोर्टल और 1930 हेल्पलाइन जैसी सेवा मददगार है।

सोशल मीडिया है साइकोलॉजिकल जाल

सीआईआईपीएस के डायरेक्टर और साइबर साइकोलॉजिस्ट राकेश कृपलानी कहते हैं कि सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक साइकोलॉजिकल जाल बन चुका है। नोटिफिकेशन, लाइक्स, और कमेंट्स का लगातार सिलसिला यूजर्स को मानसिक लत में फंसा देता है, खासकर युवा वर्ग में। ये प्लेटफॉर्म इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि यूजर्स अधिक समय बिताएं, जिससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। इस जाल से बाहर निकलने के लिए मानसिक अनुशासन और समय सीमा का पालन करना जरूरी है।

मेमोरी पावर टेक्निक अपनाने की जरूरत

सुधीर एंड स्मृति फाउंडेशन के सौरभ विद्याधर कहते हैं कि शिक्षा में तकनीकी उपयोग की सीमा तय करनी चाहिए। हर बच्चा अच्छा स्कोर करना चाहता है, लेकिन पढ़ाई का दबाव और स्ट्रेस उन्हें अच्छे अंक प्राप्त करने में रुकावट डालते हैं। अगर किसी को पढ़ाई में टॉप रैंक हासिल करनी है, तो उसे मेमोरी पावर टेक्निक अपनानी चाहिए। यह तकनीक छात्रों को पढ़ाई में बेहतर फोकस, तेज याददाश्त और विषयों को समझने में मदद करती है, जिससे स्ट्रेस कम होता है और परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करना संभव हो पाता है।

ऐसे सेशन समय की डिमांड हैं

योगिता उमलकर, प्रिंसिपल, डीपीएस कामठी के मुताबिक वर्तमान में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं। विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करने की दैनिक भास्कर की कोशिश सराहनीय है। इसके जरिए छात्रों को ऑनलाइन सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर समझ बढ़ेगी और वे सुरक्षित तरीके से इंटरनेट का उपयोग करेंगे। इसके साथ ही स्कूल और कॉलेजों में ऐसे आयोजन आज की जरूरत है।


Created On :   4 May 2025 7:56 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story