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New Delhi News: स्वच्छ पौध कार्यक्रम के तहत संतरे के लिए नागपुर-आम के लिए बंगलुरू में खुलेगी नर्सरी

- रोग मुक्त पौधे से बढ़ेगी फसलों की पैदावार
- संतरे के लिए नागपुर, आम के लिए बंगलुरू में खुलेगी नर्सरी
- 1,765 करोड़ से छह वर्षों में लागू होगा स्वच्छ पौध कार्यक्रम
New Delhi News. अजीत कुमार. चीन के बाद भारत विश्व का सबसे अधिक फल तथा सब्जी उगाने वाला देश है। पिछले 10 वर्षों में भारत ने फलों की खेती को 24 मिलियन हेक्ट्रेयर से बढ़ाकर लगभग 29 मिलियन हेक्टेयर कर दिया है। लेकिन देश के किसानों को विषाणुमुक्त पौधे उपलब्ध कराना आज भी एक बड़ी चुनौती है। लिहाजा इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार स्वच्छ पौध कार्यक्रम (सीपीपी) चलाने जा रही है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के फलों की गुणवत्ता और पैदावार को बढ़ाना है। इसके तहत किसानों को विषाणुरहित तथा गुणवत्तापूर्ण पौधा उपलब्ध कराया जाएगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत बागवानी फसलों के लिए देश में 9 स्वच्छ पौध केन्द्र (नर्सरियां) स्थापित होंगे, जिनमें से 3 महाराष्ट्र में होंगे। ये नर्सरियां जी1 स्तर की नाभिकीय पौध सामग्री तैयार करेंगी और इसे भागीदार नर्सरियों को वितरित करेंगी। उन्होंने बताया कि बागवानी के लिए नर्सरियों से प्राप्त पौधे रोगमुक्त और किसानों के लिए फायदेमंद होंगे। इसके तहत 15 बड़ी और 60 मध्यम स्तर की भागीदार नर्सरियां भी स्थापित की जाएंगी, जो जी2 और जी3 स्तर की पौध सामग्री का गुणन करेंगी।
लीची-अमरूद के लिए लखनऊ में बनेगा केन्द्र
कार्यक्रम के तहत संतरे के लिए नागपुर में, अंगूर के लिए पुणे में और अनार के लिए सोलापुर में नर्सरी शुरू की जाएगी। आम, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद और एवाकाडो के लिए बंगलुरू में तो सेव, अलमंड, बेरीज के लिए उत्तराखंड के मुक्तेश्वर में केन्द्र स्थापित होगा। साइट्रस फलों के लिए बीकानेर में, ऊष्ण कटिबंधीय फसलों के लिए पश्चिम बंगाल/झारखंड में, सेव, अलमंड और वालनट के लिए जम्मू-कश्मीर में तो आम, अमरूद और लीची के लिए लखनऊ में नर्सरी स्थापित होगी।
अमेरिका, आस्ट्रेलिया में पहले से चल रहा कार्यक्रम
भारत में भले ही यह नई संकल्पना है, लेकिन अमेरिका, नीदरलैंड, आस्ट्रेलिया जैसे उन्नत देशों में यह पहले से सफलतापूर्वक चल रही है। भारत में स्वच्छ पौध कार्यक्रम 2030 तक कार्यान्वित होगा और इस पर 1,765 करोड़ रूपये खर्च होंगे। इसमें से आधी रकम मिशन फॉर इंटेग्रेटेड डवलपमेंट ऑफ हार्टिकल्चर देगा तो आधी रकम एशियन विकास बैंक। महाराष्ट्र में स्थापित होने वाली तीन नर्सरियों पर सरकार 300 करोड़ रूपये खर्च करेगी। कृषि मंत्री ने कहा कि उच्च गुणवत्ता और रोग-मुक्त फलों के उत्पादन से भारत वैश्विक बाजार में एक प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरेगा।
Created On :   19 Jun 2025 7:24 PM IST