New Delhi News: कांग्रेस - भारत के लिए उत्तर और पश्चिम सीमाओं पर साझा मोर्चे का खतरा

कांग्रेस - भारत के लिए उत्तर और पश्चिम सीमाओं पर साझा मोर्चे का खतरा
  • आगामी संसद सत्र में चीन के मुद्दे पर हो विस्तृत चर्चा
  • भारत के लिए उत्तर और पश्चिम सीमाओं पर साझा मोर्चे का खतरा

New Delhi News. कांग्रेस ने पाकिस्तान और चीन का जिक्र करते हुए गुरुवार को कहा है कि भारत के लिए उत्तर और पश्चिम दोनों सीमाओं पर एक साझा मोर्चे का खतरा अब एक वास्तविकता बन चुका है। प्रमुख विपक्षी दल ने कहा है कि वह पिछले पांच वर्षों से चीन के मामले में एक विस्तृत चर्चा की मांग करता आ रहा है, लेकिन अब तक संसद में इस पर चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी संसद सत्र में इसपर बहस के लिए सहमत होंगे।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा कि चीन का दुनिया की अग्रणी मैन्युफैक्चरिंग पावर बनना और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरना भारत के सामने गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियां खड़ी करता है। इन खतरों से निपटने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय सहमति और दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चीन से आयात बेतहाशा बढ़ा है। इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिक बैटरियों और सोलर सेल्स जैसे क्षेत्रों के अलावा टेलीकॉम, दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख उद्योग आज भी चीनी आपूर्ति पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। वर्ष 2024-25 में भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 99.2 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह बात भी स्पष्ट होती जा रही है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों में चीन की भूमिका गहरे तरीके से जुड़ी हुई थी। यह समर्थन केवल जे-10सी लड़ाकू विमान और पीएल-15ई मिसाइल की आपूर्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस और स्टील्थ तकनीक शामिल है। संभावना है कि पाकिस्तान को निकट भविष्य में चीन से 40 जे-35 स्टेल्थ फाइटर्स भी मिल सकते हैं। इस तरह उत्तर और पश्चिम दोनों सीमाओं पर एक साझा मोर्चे का खतरा अब एक वास्तविकता बन चुका है।

Created On :   19 Jun 2025 6:20 PM IST

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