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Nagpur News: अब सूने नहीं रहेंगे तालाब, बारिश में आएंगे विदेशी पक्षी

- बदलने लगा है मौसम
- गर्मियों में आए पक्षी अब लौटने लगे
Nagpur News विदर्भ के तालाबों पर ठंड, गर्मी व बारिश तीनों मौसम में विदेशी पक्षियों का आगमन होता है। वर्तमान में मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है। गर्मी में आए मेहमान विदेशी पक्षी लौटने लगे हैं। अब इनकी जगह बारिश में आने वाले विदेशी पक्षियों की दस्तक शुरू हो जाएगी। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार जुलाई महीने की शुरूआत से ही इन पक्षियों का आगमन हो जाएगा।
पक्षियों की जल्द दस्तक : जानकारी के अनुसार, विदर्भ के सभी 11 जिलों में कई महत्वपूर्ण तालाब और जलाशय हैं। 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार, पूरे महाराष्ट्र में 19,816 तालाब दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण हिस्सा विदर्भ में हो सकता है। यह क्षेत्र जल संसाधनों के लिए जाना जाता है। ऐसे में यहां हर साल तीनों मौसम में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षियों का आना होता है। यहां सीमित समय के लिए रहकर वे वापसी करते हैं। वर्तमान की बात करें तो गर्मियों में यहां पेंटेड स्टॉर्क, स्पॉट-बिल्ड डक, कॉमन कोट लिटिल कॉर्मोरेंट आदि पक्षियों को देखा जा सकता है। इनका विदर्भ में ठहरने का समय जून तक होता है। इन्होंने वापसी करनी शुरू कर दी है, लेकिन तालाब सूने नहीं होंगे। जुलाई की शुरूआत से यहां फिर बारिश में आने वाले विदेशी पक्षियों की दस्तक होगी।
बारिश में भर जाते हैं प्रवासी पक्षी : बारिश के मौसम (मानसून) में विदर्भ के तालाबों और जलाशयों पर कई प्रवासी पक्षी आते हैं, जो मुख्य रूप से साइबेरिया, मध्य एशिया, यूरोप और अन्य ठंडे क्षेत्रों से आते हैं। यह मौसम (जुलाई से सितंबर) उनके लिए भोजन के लिए अनुकूल होता है।
यहां देखने मिलते हैं
नागपुर में अंबाझरी तालाब, गोरेवाड़ा झील, दुधा तालाब, सायकी डैंम।
अमरावती में वाधली तालाब, चट्टवाला तालाब में देखे जाते हैं।
चंद्रपुर में ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व के पास जलाशय में दिखते हैं।
गोंदिया में नवेगाँव बांध एक महत्वपूर्ण पक्षी-दर्शन स्थल है।
इन पक्षियों की होगी दस्तक : साइबेरियन क्रेन : ये दुर्लभ पक्षी साइबेरिया से आते हैं। हालांकि इनकी संख्या में कमी आई है, लेकिन विदर्भ के कुछ पानी वाले क्षेत्रों में इन्हें देखा गया है। इनकी विशेषता यह होती है कि इनके पंख सफेद, लाल चेहरा व लंबी टांगें रहती है।
डेमोइसेल क्रेन : मध्य एशिया और मंगोलिया से आते हैं। विदर्भ के तालाबों और खेतों के पास ये झुंड में देखे जाते हैं। इनकी विशेषता यह होती है कि काले और सफेद पंखों के साथ रहते हैं।
कॉमन टील : ये छोटे आकार के बत्तख यूरोप और साइबेरिया से आते हैं। विदर्भ के तालाबों में ये जलक्रीड़ा करते दिखते हैं। इनकी विशेषता नर में हरा सिर और भूरी छाती, मादा सामान्य भूरी रहती हैं।
नॉर्दर्न पिंटेल : साइबेरिया और उत्तरी यूरोप से यात्रा करते हैं। ये तालाबों में भोजन की तलाश में आते हैं। इनकी विशेषता लंबी पूंछ, नर में भूरा सिर और सफेद गर्दन रहती है।
रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड : मध्य यूरोप और एशिया से आते हैं। विदर्भ के गहरे तालाबों में इन्हें देखा जाता है। इनकी विशेषता नर का सिर चमकीला लाल, मादा भूरी होती है।
Created On :   20 Jun 2025 4:51 PM IST