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Nagpur News: हाई कोर्ट का फैसला, जिला परिषद चुनाव का रास्ता साफ

- नए सर्कल के लिए आरक्षण भी नया
- राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराया
Nagpur News जिला परिषद चुनाव में सर्कलवार आरक्षण के लिए चक्रीय पद्धति रोकने और नए सिरे से आरक्षण घोषित करने के राज्य सरकार के निर्णय को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सही ठहराया है। इस फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को अदालत ने खारिज कर दिया। हाई कोर्ट के इस फैसले से जिला परिषद चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ ने यह फैसला दिया।
कई बदलाव हुए हैं : राष्ट्रपाल पाटील और अन्य व्यक्तियों ने भी याचिकाएं दायर की थीं। इस वर्ष जिला परिषद चुनाव में सर्कलवार आरक्षण के लिए चक्रीय पद्धति लागू नहीं होगी, बल्कि नया आरक्षण निकालने के राज्य सरकार के फैसले को याचिकाकर्ताओं चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई थी कि चक्रीय आरक्षण को बीच में बंद नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर राज्य सरकार ने बताया कि इस साल पूरे राज्य में सर्कल संरचना में कई बदलाव हुए हैं। कई ग्राम पंचायतें नगर परिषद या नगर पंचायत में शामिल हो गई हैं। इसके अलावा बदली हुई जनसंख्या और गांवों की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए सर्कल संरचना को नए सिरे से तैयार करना पड़ा।
सरकार की दलील : कुछ जिलों में सर्कल की संख्या कम हुई, तो कुछ जगहों पर बढ़ी हैं, इसलिए अब चूंकि सभी सर्कल पुराने जैसे नहीं रहे, आरक्षण भी नए सिरे से देना होगा, ऐसा राज्य सरकार का कहना था। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता डॉ. बिरेंद्र सराफ ने पक्ष रखा। बुलढाणा के एक उम्मीदवार ने मध्यस्थी याचिका दायर की। वरिष्ठ विधिज्ञ आर. एल. खापरे ने मध्यस्थता याचिकाकर्ता की ओर से और एड. महेश धात्रक ने याचिकाकर्ता की ओर से दलीलें पेश कीं। जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। शुक्रवार को अदालत ने राज्य सरकार द्वारा निकाला गया नया आरक्षण उचित ठहराते हुए यह याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने क्या कहा : कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में न्यायालय का हस्तक्षेप अपवाद स्वरूप ही हो सकता है। जब तक संवैधानिक नियमों का उल्लंघन न हो, तब तक अदालत दखल नहीं दे सकती। याचिकाकर्ता अपने आरोप सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं दे पाए, इसलिए उनकी याचिकाएं निराधार मानकर खारिज कर दी गईं।
Created On :   20 Sept 2025 3:04 PM IST