Nagpur News: प्रशासन के दावे निकले खोखले, दो साल में 12 स्कूलें हुईं बंद

प्रशासन के दावे निकले खोखले,  दो साल में 12 स्कूलें हुईं बंद
  • महानगरपलिका के सुधार के दावों का विद्यार्थियों पर नहीं दिख रहा असर
  • शिक्षकों और विद्यार्थियों को समीप के स्कूल में स्थानांतरित किया

Nagpur News मनपा शिक्षा विभाग स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार को लेकर बड़ी-बड़ी घाेषणा और अभियान चला रहा है, लेकिन हकीकत में असर दिखाई नहीं दे रहा है। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है। पिछले दो सालों में संख्या कम होने से मनपा को अपने 12 स्कूलों को बंद करना पड़ा है। इन स्कूलों के शिक्षकों और विद्यार्थियों को समीप के स्कूल में स्थानांतरित किया गया है। तर्क है कि, अंग्रेजी स्कूलों के प्रचलन के कारण पालक मनपा के भाषाई स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश नहीं दिला रहे हैं। ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा आकांक्षा फाउंडेशन के माध्यम से 7 अंग्रेजी स्कूलों का संचालन शहर में किया जा रहा है। 11 सितंबर को शिक्षा विभाग ने शहर में नए सिरे से 7 नए अंग्रेजी स्कूल संचालन के लिए निजी संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इस प्रक्रिया के बाद शहर में मनपा के 14 अंग्रेजी स्कूलों का निजी हाथों में संचालन पहुंच जाएगा।

निजी संस्थाओं से संचालन के लिए प्रस्तावित 7 अंग्रेजी स्कूल : क्षेत्र स्कूल स्थिति

पूर्व नागपुर बस्तरवाड़ी दही बाजार मनपा स्कूल 12 विद्यार्थी

मध्य नागपुर महात्मा फुले मनपा स्कूल 10 साल पहले बंद

पश्चिम नागपुर दाभा मराठी मनपा स्कूल 4 विद्यार्थी

उत्तर नागपुर नारी मराठी मनपा स्कूल 8 साल पहले बंद

दक्षिण पश्चिम अजनी पूर्व समर्थनगर मनपा स्कूल 12 साल पहले बंद

दक्षिण नागपुर यशवंतराव चव्हाण मनपा स्कूल 10 साल पहले बंद

दक्षिण पश्चिम धंतोली कन्या प्राथमिक स्कूल 12 साल पहले बंद

भाषाई स्कूलों का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर : मनपा शिक्षा विभाग ने 7 अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के संचालन के लिए निजी संस्थाओं के प्रस्तावों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया में 6 विधानसभा क्षेत्रों में 7 अंग्रेजी स्कूल शुरू किए जाएंगे। मनपा के बंद स्कूलों की इमारत में निजी संस्थाओं के माध्यम से संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। बरसों पहले बंद अथवा बंद होने की कगार पर पहुंचे स्कूलों की इमारतों को निजी संस्थाओं को अंग्रेजी स्कूल संचालन के लिए दिया जाएगा। प्रस्तावित 7 स्कूलों में केजी-1 और केजी-2 की 40 छात्र संख्या को मान्य किया जाएगा। अप्रत्यक्ष तौर पर मनपा के भाषाई स्कूलों का अस्तित्व अब समाप्त होने की कगार पर है। अधिकारी भी स्कूल बंद होने के लिए पालकों और सरकारी नियमों पर दोष मढ़ रहे हैं।

निजी हाथों में पहुंचेगा संचालन : मनपा के दो साल में 9 स्कूल बंद हुे, जबकि इस साल 3 स्कूल मिलाकर कुल संख्या बढ़कर 12 हो गई है। बंद स्कूलों को समीप के अन्य स्कूल में विलय कर दिया गया है। शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, विद्यार्थी विकास अभियान के बाद भी मनपा स्कूलों में लगातार विद्यार्थी संख्या घट रही है। अधिकारियों का तर्क है कि, पालकों का अंग्रेजी स्कूलों की ओर रुझान होने से मनपा स्कूलों में विद्यार्थी कम हो रहे हैं। 20 से कम विद्यार्थी संख्या होने पर समीप के स्कूलों में विलय करना पड़ रहा है।

अंग्रेजी स्कूलों का रुझान : शहर में मनपा स्कूलों के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं गए हैं, लेकिन पालकों में अंग्रेजी स्कूलों के प्रति रूझान बढ़ने से मनपा स्कूलों में विद्यार्थी संख्या कम हुई है। नियमों के तहत 20 से कम विद्यार्थी संख्या होने पर भौतिक सुविधा और शिक्षक मुहैया कराने में दिक्कत होने पर स्कूलों का विलय करना पड़ रहा है। स्कूलों के विलय की प्रक्रिया में किसी भी छात्र का नुकसान नहीं होगा। -साधना सयाम, शिक्षणाधिकारी, शिक्षा विभाग, मनपा

Created On :   20 Sept 2025 3:51 PM IST

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