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विशेष अभियान: समाज में पिछड़े वर्गों तक पहुंचेगा संघ, शताब्दी विस्तारक निभाएंगे अहम भूमिका
- समाज में पिछड़े वर्गों तक पहुंच
- शताब्दी विस्तारक निभाएंगे अहम भूमिका
डिजिटल डेस्क, नागपुर. समाज में पिछड़े माने जाने वाले वर्गों तक पहुंचने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विशेष अभियान चला रहा है। जाति, समूहों से भी संघ के प्रशिक्षित पदाधिकारी संपर्क करेंगे। संघ अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष उत्सव मना रहा है। इसके लिए विविध कार्यक्रमों का नियोजन किया गया है। संघ ने प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से शताब्दी विस्तारक चयनित किए हैं। दलित, आदिवासी व घुमंतू समुदाय के बीच सेवा व संवाद कार्य में शताब्दी विस्तारक महत्वपूर्ण योगदान निभाएंगे। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार जल्द ही शाखा विस्तार के कार्यों को गति दी जाएगी। उन वर्गों व क्षेत्रों में संपर्क अभियान चलाया जाएगा जो संघ से दूर रहे हैं। आरक्षण, स्पर्श्यता व भेदभाव को लेकर सरसंघचालक डॉ.माेहन भागवत सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के वक्तव्यों को संघ के समाज संपर्क अभियान का हिस्सा माना जा रहा है।
बैठकों में समीक्षा
समाज संपर्क अभियान के तहत संघ कार्यकर्ताओं की विविध स्तर पर बैठक होगी। इन बैठकों में संघ कार्यों की समीक्षा की जाएगी। बैठक में अलग अलग सत्र में जिला, विभाग प्रचारक व क्षेत्र प्रचारक रहेंगे। संघ के कार्यकर्ताओं को बताया जाएगा कि कैसे वह दलितों, आदिवासियों और नए गांवों तक पहुंंगे। सामाजिक समरसता भोज, भजन संध्या, नशामुक्ति के कार्यक्रम चलाए जाएंगे। महाराष्ट्र में भटक्या विमुक्त समाज, पारधी समाज सहित अन्य समाज के बेड़ों तक पहुंचने का प्रयास किया गया है। कोरोना संक्रमण काल में नागपुर, अमरावती, चंद्रपुर, यवतमाल सहित अन्य क्षेत्रों की बस्तियों में घुमंतू समुदाय तक राहत सामग्रिया पहुंचायी गई। इसी तरह आदिवासी व दलित बस्तियों में भी सहायता कार्य किया गया। इन कार्यों का उल्लेख करते हुए संघ पदाधिकारी ने कहा है कि समाज के पिछड़े माने जाने वाले वर्ग तक सामाजिक, आर्थिक व बौद्धिक विकास के विविध कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इस दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि किसी की धर्म, पंथ आस्था आहत न हो। गांवों की चौपाल से लेकर श्मशान घाट तक सेवा कार्य के माध्यम से संघ विस्तार लोगों से जुड़ेंगे।
सर्वस्पर्शी कार्यक्रम : संघ की ओर से सर्वस्पर्शी कार्यक्रम चलाए जाएंगे। ओबीसी, मराठा आरक्षण जैसे विषय भी संघ की बैठकों में चर्चा में लाए जाएंगे। विविध सेवा व संगठन कार्यों में जातीय प्रतिनिधित्व का ध्यान रखा जाएगा। विदर्भ स्तर पर कुनबी, तेली, माली, लोहार सहित अन्य कुछ जातियों का संगठनात्मक प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। संघ पदाधिकारी के अनुसार इस कार्यक्रम का लक्ष्य जातीय नेतृत्व को उभारना नहीं, बल्कि संघ कार्यों से जातीय, समुदाय को जोड़ना है। संघ के विविध सेवा कार्य जातीय प्रतिनिधित्वों के माध्यम से आसानी तक संबंधित समाज तक पहुंचेंगे। विविध त्योहारों के तहत धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की शुरुआत हो चुकी है। सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से संघ के सेवा कार्यों का विस्तार किया जाएगा।
Created On :   19 Sept 2023 5:02 PM IST