New Delhi News: डॉ सैयदा ने कहा - लिंच सिंड्रोम से अन्‍य कैंसर होने का भी जोखिम होता है, रखें सावधानी

डॉ सैयदा ने कहा - लिंच सिंड्रोम से अन्‍य कैंसर होने का भी जोखिम होता है, रखें सावधानी
  • लिंच सिंड्रोम और कोलन कैंसर
  • पेट और छोटी आंत के कैंसर
  • मूत्रमार्ग (यूरिनरी ट्रैक्‍ट) कैंसर
  • पहला संकेत कोई अन्य कैंसर भी सम्भव

New Delhi News. स्‍ट्रैन्‍ड लाइफ साइंसेज में मेडिकल जेनेटिसिस्‍ट एवं सीनियर जेनेटिक काउंसलर डॉ सैयदा जुबेदा ने कहा कि लिंच सिंड्रोम एक आनुवंशिक स्थिति है, यानी यह परिवारों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी आगे बढ़ती है। लिंच सिंड्रोम कुछ विशेष जीन्‍स में म्यूटेशन के कारण होता है. लिंच सिंड्रोम से पीडि़त लोगों में उनकी जिंदगी में कभी ना कभी कोलन कैंसर होने का 70-80 प्रतिशत तक जोखिम हो सकता है।

लिंच सिंड्रोम और कोलन कैंसर

डॉ जुबेदा कहती हैं कि सिंड्रोम का सबसे बड़ा खतरा कोलन कैंसर है। यही कारण है कि इस स्थिति वाले लोगों के लिए नियमित कोलोनोस्कोपी कराने की सलाह दी जाती है। इस टेस्ट में डॉक्टर कैमरे से कोलन के अंदर की जांच करते हैं। नेशनल कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर नेटवर्क के अनुसार, कोलोनोस्कोपी 20-25 साल की उम्र से शुरू कर देनी चाहिए और इसे हर 1-2 साल में दोहराना चाहिए।

लेकिन लिंच सिंड्रोम सिर्फ कोलन तक सीमित नहीं है। डॉक्टरों को अब पता है कि यह स्थिति अन्य कैंसरों का जोखिम भी बढ़ा सकती है, जिनमें से कई के बारे में आमतौर पर ज्यादा बात नहीं होती। इन जोखिमों को जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह मरीजों और उनके परिवारों को समय पर रोकथाम और शुरुआती इलाज के लिए कदम उठाने में मदद करता है।

लिंच सिंड्रोम से जुड़े अन्य कैंसर जोखिम में यूटेराइन/गर्भाशय(एंडोमेट्रियल) कैंसर और ओवेरियन कैंसर कीसंभावना है. कई महिलाओं को सलाह दी जाती है कि यदि उनकी बच्‍चों को जन्‍म देने की इच्‍छा नहीं है तो वे गर्भाशय और अंडाशय हटाने वाली जोखिम कम करने वाली सर्जरी पर विचार कर सकती हैं।

पेट और छोटी आंत के कैंसर

डॉ जुबेदा के मुताबिक सामान्य आबादी में ये कैंसर दुर्लभ हैं, लेकिन लिंच सिंड्रोम वाले लोगों में इनके होने की संभावना अधिक होती है। कुछ देशों में, जहां पेट का कैंसर आम है, वहां हर कुछ सालों में नियमित एंडोस्कोपी कराने की सलाह दी जाती है।

मूत्रमार्ग (यूरिनरी ट्रैक्‍ट) कैंसर

लिंच सिंड्रोम गुर्दे और मूत्र प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है। एक चेतावनी संकेत हो सकता है पेशाब में खून आना, भले ही वह नंगी आंखों से दिखाई न दे। हालांकि पैनक्रियाटिक एवं लिवर कैंसर ज्‍यादा आम नहीं है। लिंच सिंड्रोम पैनक्रियाटिक कैंसर और लिवर एवं बाइल डक्‍ट कैंसर का जोखिम भी बढ़ा सकता है। लिंच सिंड्रोम का मतलब यह नहीं है कि कैंसर होना तय है। इसका मतलब है कि आप और आपके डॉक्टर एक कदम आगे रह सकते हैं। और परिवार-आधारित टेस्टिंग के साथ, इसका लाभ कई पीढ़ियों को मिलता है।

पहला संकेत कोई अन्य कैंसर भी सम्भव

अक्सर लोग लिंच सिंड्रोम का नाम सुनते ही केवल कोलन कैंसर के बारे में सोचते हैं। लेकिन कई बार, लिंच सिंड्रोम का पहला संकेत कोई अन्य कैंसर हो सकता है, जैसे कि एक युवा महिला में यूटेराइन यानी गर्भाशय का कैंसर, जिसके परिवार में कोलन कैंसर का कोई इतिहास न हो।

Created On :   28 Sept 2025 9:17 PM IST

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