सावन मास: आज से 23 अगस्त तक करीब 15 बार सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ योग

- 17 जुलाई से बुध आदित्य योग में मनाया जाएगा सावन मास
- सजने लगे बाबा भोले के दरबार
- वैदिक मंत्रों से शुरू हुई भगवान शिव की पूजा-अर्चना
Nagpur News. सावन मास की शुरुआत हो चुकी है। भगवान शिव को सावन मास अत्यंत प्रिय है। श्रावण मास कृष्ण पक्ष से लेकर सावन शुक्ल पक्ष तक शिव भगवान की महिमा साकार होगी। शिव मंदिरों में वैदिक मंत्रों से भगवान शिव की पूजा-अर्चना शुरू हो गई है। सावन मास के उपलक्ष में मंदिरों में अभिषेक पूजन जारी है। बाबा भोले के दरबार सज गए हैं। 11 जुलाई को गुरु आदित्य योग में सावन मास का आगमन हुआ था। सावन के दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना था। सावन मास में हिंदी व मराठी भाषी श्रद्धालुओं द्वारा बाबा भोले का अभिषेक पूजन व स्तुति की जाएगी। भगवान शिव के लिए हिंदी भाषी श्रद्धालु 11 जुलाई से लेकर 9 अगस्त तक श्रद्धा पूर्वक सावन मास मनाएंगे।
पहला सोमवार 14 जुलाई को
सावन मास में पहली बार 14 जुलाई को दुर्लभ संयोग बन रहा है। पहले सोमवार पर संकष्टी चतुर्थी का आगमन हो रहा है। भगवान शिव के साथ गणेश का पूजन होगा। पिता-पुत्र की एक साथ भक्तगण पूजा करेंगे। पहले सोमवार को बाबा के भक्तों की मंदिरों में लंबी कतारें दिखाई देंगी। हर हर महादेव से शिवालय गूंजेंगे। भगवान शिव के शिव महिमा स्तोत्र, शिव तांडव, रुद्राष्टाध्याई का पाठ, पुरुष सूक्त, पंचाक्षर, शिव मानस पाठ साथ गणपति अथर्वशीर्ष तथा गणपति संकट मोचन स्तोत्र और भगवान गणेश का सामूहिक जाप होगा। शिव तथा गणेश भगवान के मंदिरों में 14 जुलाई को दिन भर भीड़ रहेगी। पहले सोमवार पर बाबा की उत्साह तथा श्रद्धापूर्वक आस्था के साथ पूजा की जाएगी। 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त को बाबा भोले का सावन सोमवार पर शिवालयों में पूजन होगा।
24 को हरियाली अमावस्या
24 जुलाई को हरियाली अमावस्या पर कई मंदिरों में बाबा भोले की फूलों से सेज सजेगी। शिवलिंग पर फूलों की मनमोहन श्रृंगार किया जाएगा। 25 जुलाई से लेकर अनेक मंदिरों में धार्मिक आयोजन शुरू हो जाएंगे। 29 जुलाई को नागपंचमी पर बाबा भोलेनाथ मंदिर तथा नाग मंदिरों में अनेक आयोजन संपन्न होंगे। नागपंचमी के उपलक्ष में सावन का विशेष पूजन किया जाता है।
24 से मराठी सावन मास
इसी प्रकार मराठी भाषी श्रद्धालु 24 जुलाई से लेकर 23 अगस्त तक सावन का महीना मनाने की तैयारी कर रहे हैं। 13 जुलाई से 23 अगस्त तक करीब 15 बार सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ योग बनेगा और तीन से चार बार अमृत सिद्धि योग बनेगा। इस प्रकार पूरा महीना यानी डेढ़ माह तक बाबा के भक्तों को ज्योतिष गणना के अनुसार अत्यंत शुभ योग में पूजा-अर्चना करने और अभिषेक करने का फल प्राप्त होगा। 17 जुलाई के बाद सूर्य देव कर्क राशि में आएंगे। बुध ग्रह के साथ सूर्य की युति होगी। 9 अगस्त तक बुध आदित्य योग बना रहेगा। 9 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। हिंदी भाषी श्रद्धालुओं का सावन मास समाप्त होगा और पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव की श्रावणी कार्यक्रम संपन्न होंगे
Created On :   13 July 2025 8:27 PM IST