New Delhi News: डॉ एम बीना - हथकरघा एक जीवंत विरासत है, भारत में 35.22 लाख हैं हैंडलूम कार्यकर्ता

डॉ एम बीना - हथकरघा एक जीवंत विरासत है, भारत में 35.22 लाख हैं हैंडलूम कार्यकर्ता
  • हैंडलूम केवल विरासत नहीं है
  • भारत में 35.22 लाख हैंडलूम कार्यकर्ता

New Delhi News. केन्द्र सरकार की हथकरघा उपायुक्त डॉ एम बीना ने कहा कि हैंडलूम केवल विरासत नहीं है, बल्कि एक जीवंत विरासत है। उन्होंने कहा कि भारत में 35.22 लाख हैंडलूम कार्यकर्ता हैं, जिनमें 26.73 लाख बुनकर और 8.48 लाख सहायक कार्यकर्ता शामिल हैं।

डॉ बीना ने यह बात यहां आयोजित दो दिवसीय हथकरघा (हैंडलूम) दिवस समारोह में कही। नाबार्ड द्वारा आयोजित इस समारोह में उन्होंने कहा कि कहा कि इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में यह अनुपात 74.5 प्रतिशत तक पहुंच जाता है। कुल 31.45 लाख हैंडलूम परिवारों में से 88.7 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। उन्होंने विभिन्न हितधारकों—जैसे बुनकरों, शिल्पकारों, बैंकरों, सरकारी एजेंसियों, नियामकों और एनजीओ—को एक मंच पर लाने के लिए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की।

नाबार्ड के अध्यक्ष व आईएएस शाजी केवी ने कहा कि हथकरघा केवल एक शिल्प नहीं है, बल्कि एक कहानी है—जिसे स्थायित्व, परिपत्रता और सांस्कृतिक समृद्धि जैसे विषयों के साथ बुना जा सकता है। उन्होंने नाबार्ड द्वारा की गई विभिन्न पहलों की जानकारी दी, जिसमें प्रौद्योगिकी-संचालित हस्तक्षेप, सहकारी समितियों का डिजिटलीकरण और कारीगरों व बुनकरों के लिए वित्तीय पहुँच को और अधिक कुशल बनाने हेतु ऋण वितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना आदि शामिल है।

Created On :   13 Aug 2025 9:27 PM IST

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