बिहार चुनाव-2025: दोहे और शायरी से अपनों पर निशाना साध रहे नेता, सीटों को लेकर एक-दूसरे पर दबाव बनाने का प्रयास

- पीड़ा बयां करने के इस अंदाज से राजग भी अछूता नहीं
- सीटों को लेकर एक-दूसरे पर दबाव बनाने का प्रयास
New Delhi News. बिहार विधानसभा चुनाव में राजग और महागठबंधन के कुनबे में सीटों के बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान शांत नहीं हुई है। दोनों ही गठबंधनों के घटक दलों के बीच पसंदीदा सीटें और उनकी संख्या को लेकर असंतोष की आंच एक-दूसरे को बखूबी महसूस हो रही है। दिलचस्प बात ये है कि घटक दल अपनी पीड़ा और नाराजगी जाहिर करने के लिए सोशल मीडिया पर ‘शेरो-शायरी’ और कविताओं का सहारा ले रहे हैं।
कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर फंसे पेंच के बीज राजद के वरिष्ठ नेता मनोज कुमार झा ने रहीम दास के दोहे का सहारा लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा, तो कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी शायरी के जरिए झा को एकजुट बने रहने का संदेश दिया है। झा ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “ रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय.. टूटे से फिर न मिले, मिले गांठ परिजाय।” उन्होंने आगे कहा कि यह हर अवसर के लिए प्रासंगिक है।
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दरअसल, कांग्रेस 60 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की जिद पर अड़ी है, जबकि राजद उसे 58 से ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं है। ऐसे में कांग्रेस को संदेश देने के लिए झा ने दोहे का सहारा लिया। झा के इस दोहे पर कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने शायराना अंदाज में पलटवार किया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “पानी आंख में भर कर लाया जा सकता है, अब भी जलता शहर बचाया जा सकता है।”
पीड़ा बयां करने के इस अंदाज से राजग भी अछूता नहीं
शेरों-शायरी के जरिए सीट बंटवारे की पीड़ा बयां करने के इस अंदाज से राजग भी अछूता नहीं है। राजग के घटक दल एचएएम प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी सीटों के लिए दबाव बनाने के लिए ‘एक्स’ पर रामधारी सिंह दिनकर की कविता की लाइनें पोस्ट कर कहा था, “हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, एचएएम वहीं खुशी से खाएंगे, परिजन पे असि न उठाएंगे।” हालांकि, मांझी ने सीट बंटवारे में 6 सीटों पर संतोष कर लिया है।
अमित शाह से मिले कुशवाहा
उधर, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा अपने दावे वाली सीट लोजपा (रामविलास) को दिए जाने से नाराज हैं। वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कुशवाहा ने भी ‘एक्स’ पर एक साथ दो शायरी पोस्ट कर अपनी पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, “आज फिर बादलों ने साजिश की, जहां मेरा घर था वहीं बारिश की।” इसके अलावा, “फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की।”
Created On :   15 Oct 2025 7:33 PM IST