New Delhi News: शक्तियों के पृथक्करण की रक्षा करना संवैधानिक आवश्यकता - हरिवंश

शक्तियों के पृथक्करण की रक्षा करना संवैधानिक आवश्यकता - हरिवंश

New Delhi News. राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने भारतीय संविधान की अनुसूची सात में उल्लिखित संघीय संतुलन और राष्ट्रीय एवं राज्य सरकारों के बीच राजकोषीय हस्तांतरण के प्रबंधन में उत्तरोत्तर वित्त आयोगों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शक्तियों के पृथक्करण की रक्षा करना न केवल एक संवैधानिक आवश्यकता है, बल्कि यह सम्मान, संवाद और सामंजस्य की राजनीतिक संस्कृति को भी बढ़ावा देती है।

हरिवंश बारबाडोस में 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में 'नेशनल पार्लियामेंट्स वर्सिस प्रोविंसियल, टैरीटोरियल, डिवॉल्ड लेजिसलेचर' विषय पर आयोजित सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित शक्तियों के औपचारिक पृथक्करण के अलावा, कुछ सरकारी निकाय भी हैं, जो जीवंत चर्चाओं को सुगम बनाते हैं और संघवाद की सहयोगात्मक भावना को प्रोत्साहन देते हैं। उदाहरण के लिए, नीति आयोग शासी परिषद राष्ट्रीय विकास एजेंडे के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। उन्होंने विभिन्न देशों के प्रतिभागियों को भारत के संघीय ढांचे की प्रमुख विशेषताओं और कुछ संवैधानिक उपबंधों के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कर रहे हैं।

Created On :   10 Oct 2025 7:57 PM IST

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